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प्रदेश के दौ औद्योगिक क्षेत्रों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के मानक तय हुये

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1202

24 अप्रैल 2019। राज्य सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने प्रदेश के दौ औद्योगिक क्षेत्रों गोविन्दपुरा भोपाल तथा एवं सांवेर रोड इंदौर में लगे कामन एफ्युन्ट ट्रीटमेंट प्लांट यानि सीईटीपी में उद्योगों से निकले वाले प्रदूषित जल के उपचार हेतु मानक तय कर दिये हैं। अब दोनों स्थनों के सीईटीपी को इन मानकों के अनुसार ही प्रदूषित जल का उपचार करना होगा।



उल्लेखनीय है कि औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को अब अली-अलग प्रदूषित जल के उपचार हेतु संयंत्र नहीं लगाने हेतु है बल्कि वे संयुक्त रुप से ऐसा संयंत्र लगाते हैं जिसके माध्यम से उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल का उपचार किया जाता है तथा उपचारित जल को सिंचाई कार्यों में उपयोग में लाया जाता है। इन संयंत्रों को कामन एफ्युन्ट ट्रीटमेंट प्लांट कहा जाता है।



राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा नये सिरे से जारी मानकों के अनुसार, अब गोविन्दपुरा इण्डस्ट्रीयल एरिया में सीईटीपी को अधिकतम स्वीकृत लिमिट पीएच वेल्यु रेंज 4 से 11 जबकि सांवेर में 5.5 से 11 होगी। इसी प्रकार गोविन्दपुरा और सांवेर में टेम्प्रेचर-डिग्री सेंटीग्रेड रेंज 20 से 40 होगी। गोविन्दपुरा में आईल एण्ड ग्रीस 20 एमजी/1 एवं सांवेर में 50 एमजी/1 होगी। गोविन्दपुरा में अमोनिकल नाईट्रोजन 50 एमजी/1 एवं सांवेर में 100 एमजी/1 होगी। दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में सायनाईड मेक्स 0.2 एमजी/1, क्रोमियम हेक्सावेलेन्ट 0.1 एमजी/1, टोटल क्रोमियम 2.0 एमजी/1, कापर 3.0 एमजी/1, लेड 0.1 एमजी/1, निकल 3.0 एमजी/1, आर्सेनिक 0.2 एमजी/1, मरकरी 0.01 एमजी/1 होगी। गोविन्दपुरा में इसके अलावा केडियम और सेलेनियम 0.05 एमजी/1 होगी।



प्रदूषण मंडल ने ये मानक दोनों औद्योगिक क्षेत्रों के सभी उद्योगों पर भी लागू किये हैं। साथ ही कहा है कि यदि इन दोनों ट्रीटमेंट प्लांट का उपचारित जल सिंचाई कार्यों में उपयोग में लाया जाता है तो मानसून के पहले एवं मानसून के बाद वर्ष में दो बार सीईटीपी द्वारा सिंचाई वाली भूमि पर जल एवं सीवरेज की जांच की जायेगी।



इसके अलावा दोनों औद्योगिक क्षेत्रों कतिपय उद्योगों के लिये भी पैरामीटर तय किये गये हैं। इसके अंतर्गत कपड़ा उद्योग, चर्म शोधनशाला, डाई और डाई इंटरमिडिएट, जैविक रायसायनिक विनिर्माण उद्योग और औशधीय उद्योग शामिल हैं।

बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के दो औद्योगिक क्षेत्रों गोविन्दपुरा और सांवेर में स्थापित सीईटीपी के लिये क्वालिटी स्डेण्डर्ड तय किये गये हैं। अब इन्हीं स्टेण्डर्ड के अनुसार इन संयंत्रों को जल का उपचार करना होगा।





- डॉ. नवीन जोशी

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