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कमलनाथ कहेंगे शिवराज की योजनाओं को टाटा बाय -बॉय.....

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1062

जून जुलाई के बजट में पुरानी योजनायें रद्द होंगी, आय के नये स्रोत बनाने पर होगा जोर



26 अप्रैल 2019। प्रदेश की कमलनाथ सरकार के आगामी जून-जुलाई माह में आने वाले आठ माह के आम बजट में पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की अनेक योजनायें निरस्त होंगी तथा कांग्रेस के वचन-पत्र अनुसार योजनायें ली जायेंगी। इसके अलावा आय के नये स्रोत भी रखे जायेंगे। ज्ञातव्य है कि कमलनाथ सरकार ने लोकसभा चुनावों के कारण चार माह का लेखानुदान विधानसभा में पारित कराया था तथा अब वर्ष के शेष आठ माहों हेतु आम बजट तैयार किया जाना है। इस संबंध में राज्य के वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग जैन ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान को तैयार करने के सभी विभागों के प्रमुखों एवं बजट नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं।



इन निर्देशों में कहा गया है कि सभी विभाग अपनी चालू योजनाओं की आवश्यक्ता एवं निरन्तरता की समीक्षा कर लक्ष्यों का पुनर्निर्धारण करें। जिन योजनाओं की प्रासंगिकता में कमी आई है अथवा उद्देश्यों की लगभग पूर्ति हो चुकी है या योजनाओं से अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो पा रहा है एवं समान स्वरुप की अन्य योजनायें भी प्रचलित हैं, तब ऐसी योजनाओं का गंभीरता से विश्लेषण कर उन योजनाओं को समाप्त किया जाये।



निर्देशों में नवीन योजनाओं और कार्यक्रमों के लिये कहा गया है कि राज्य सरकार के वचन-पत्र एवं शासन द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं के परिप्रेक्ष्य में संभव है कि विभाग नवीन योजना/कार्यक्रम प्रारंभ करें। इन नवीन योजना/कार्यक्रम हेतु बजटीय व्यवस्था विभाग हेतु निर्धारित राजस्व/पूंजीगत अंतरिम बजट सीमा से ही की जाये।



राजस्व आय के संबंध में निर्देशों में कहा गया है कि विभागों को जिन मदों में राजस्व आय प्राप्त हो रही है, राजस्व की उन मदों के वर्तमान मापदण्डों में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये यदि परिवर्तन किये जाना संभव है तब विभाग परिवर्तन प्रस्तावित करते हुये राजस्व आय की स्पष्ट संभावना भी इंगित करें। कई स्थितियां ऐसी भी हो सकती हैं जहां आय के नये स्रोत खोजे जा सकें। इसलिये विभागीय गतिविधियों से अन्य किसी मद में आय की प्राप्ति की संभावनाओं पर भी चिंतन किया जाये। जिस विभाग द्वारा राजस्व आय के जितने नवीन स्रोत खोजे जायेंगे उसके अनुसार विभागीय बजट की अंतरिम सीमा में बजट चर्चा के दौरान वृध्दि पर विचार किया जा सकेगा।







(डॉ. नवीन जोशी)

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