8 मई 2019। प्रदेश में अब बायो डीजल पम्पों को खोलने के भी लायसेंस मिलेंगे। इसके लिये भारत सरकार के पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने राज्य सरकार को अधिकार प्रदान कर दिये हैं। यह बायो डीजल बी-100 श्रेणी का होगा तथा इसे डीजल चलित वाहनों में ईंधन के रुप में उपयोग में लाया जा सकेगा। लेकिन यह बायो डीजल मिश्रण के रुप में उपयोग में होगा अर्थात हाईस्पीड डीजल के साथ बायो डीजल का मिश्रण किया जा सकेगा। यह बायो डीजल पर्यावरण के अनुकूल रहेगा।
उल्लेखनीय है कि बायो डीजल वेजीटेबज और अन्य जैविक कचरे से बनता है। अब तक इसके खुदरा बिक्री के लायसेंस देने के अधिकार राज्य सरकारों के पास नहीं थे जो अब दे दिये गये हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार ने दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं। इन निर्देशों के अनुसार, लायसेंसी जैव डीजल का विदेश से आयात नहीं करेगा बल्कि स्वदेशी रुप से उत्पादित होना जरुरी होगा। ग्राहक के आटोमोबाईल टैंक में डीजल के साथ मिश्रण हेतु अनुमोदित जैव डीजल की प्रतिशतता को बायो डीजल पम्प पर अंग्रेजी एवं हिन्दी भाषा तथा स्थानीय भाषा में नोटिस बोर्ड लगाना होगा। इसके साथ ही जैव डीजल खुदरा बिक्री केन्द्र पर प्रमुखता से यह चेतावनी प्रदर्शित करनी होगी कि विनिर्धारित प्रतिशतता से अधिक प्रतिशतता में जैव डीजल का इस्तेमाल इंजन को क्षति पहुंचा सकता है।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने बायो डीजल बी-100 की खुदरा बिक्री के लायसेंस देने हेतु अधिसूचना जारी की है। अब हम भी अपने विनियमों में ऐसा लायसेंस देने का प्रावधान करेंगे। बायो डीजल पर्यावरण के अनुकूल होता है और मितव्ययी भी होता है।
एक पैट्रोल पम्प डीलर ने बताया कि बायो डीजल पम्प खोलने हेतु अभी उत्साह नहीं है क्योंकि यह अभी वायबल नहीं है। इसके उपयोग में सावधानी भी बरतना पड़ती है।
(डॉ. नवीन जोशी)
मध्यप्रदेश में अब बायो डीजल पंम्पों के भी लायसेंस मिलेंगे
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Bhopal 👤By: DD Views: 1287
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