आप अगर सोचते हैं कि ऑनलाइन पोर्न देखने पर किसी को पता नहीं चलेगा तो आप धोखे में हैं
देश में 40 करोड़ से ज़्यादा लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं. इसमें से करोड़ों लोगों के लिए स्मार्टफोन ही इंटरनेट तक पहुंचने का तरीका है.
लेकिन कभी किसी के बारे में ये पता नहीं लगता कि वो पोर्न वेबसाइट पर समय बिताता है.
अब तो ये बात साफ़ है कि जैसे जैसे स्मार्टफोन पर डेटा की कीमत कम होती जायेगी, वैसे वैसे पोर्न देखना और बढ़ सकता है.
सिक्योरिटी के लिहाज़ से ये बहुत खतरनाक हो सकता है. स्मार्टफोन पर पोर्न देखना आसान भले हो गया हो, लेकिन जेब पर वो भी भारी पड़ सकता है.
पोर्न या स्मार्टफोन पर डेटा इस्तेमाल करके वीडियो देखना बहुत महंगा हो सकता है.
अगर गलती से किसी इंटरनेट उचक्के को आपके स्मार्टफोन या दूसरे डिवाइस से ऐसी जानकारी मिल जाती है तो काफी परेशानी हो सकती है.
पोर्न वेबसाइट या किसी भी वेबसाइट पर जो भी रजिस्टर करता है, उसके इंटरनेट का आईपी एड्रेस दर्ज हो जाता है.
जब भी यूजर उस वेबसाइट पर फिर जाता है तो उसको अपने चुने हुए फीचर ही दिखाई देते हैं. जब भी उस वेबसाइट पर लॉग इन करेंगे, तो आपके इंटरनेट कनेक्शन का आईपी एड्रेस वहां दर्ज हो जाता है. अगर किसी वेबसाइट पर अपना क्रेडिट कार्ड देकर प्रीमियम पोर्न वीडियो देख रहे हैं तो कार्ड की जानकारी देखकर किसी का नाम और दूसरी जानकारी पक्की हो जाती है.
अगर कभी ऐसी पोर्न वीडियो वाली कंपनी की वेबसाइट पर हैकरों ने सेंध लगाई, जो पहले कई बार हो चुका है, तो आपका नाम, आईपी एड्रेस और क्रेडिट कार्ड की जानकारी बाहर आ सकती है. ऐसी जानकारी 2015 में लीक हुई थी.
पोर्न वेबसाइट पर कई लोग इंकॉग्निटो मोड में सर्फ करते हैं. सभी ब्राउज़र पर ऐसे सर्फ करने का विकल्प होता है.
इससे कंप्यूटर पर ऐसे वेबसाइट के बारे में जानकारी दर्ज नहीं होती है.
लेकिन आपकी ब्राउज़िंग के बारे में ब्रॉडबैंड सर्विस और वेबसाइट वाली कंपनी को जानकारी हर समय होती है. अगर किसी भी कारण से ये जानकारी सार्वजनिक होती है तो उसमें आपके आईपी एड्रेस और दूसरी जानकारी भी शामिल हो सकती हैं.
पिछले साल एक रिपोर्ट ने बताया था कि भारत में पोर्न देखने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. पोर्न देखने वाले लोगों में करीब 30 फीसदी महिलाएं होती हैं. सर्वे के अनुसार ब्राज़ील और अर्जेंटीना के बाद भारत में सबसे अधिक महिलाएँ पोर्न देखती हैं.
ऐसा माना जाता है कि पोर्न देखने के लिए भारत में 50 फीसदी से ज़्यादा लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं.
जो कंपनियां आपकी ऑनलाइन हरकतों और आदतों पर नज़र रखती हैं वो इस बात पर भी ध्यान रखती हैं कि आप पोर्न देख रहे हैं या नहीं.
ऑनलाइन होने पर आपको पता भी नहीं चलेगा लेकिन तरह तरह के तरीके इस्तेमाल करके ये कंपनियां लोगों की सर्फिंग की आदत पर पैनी नज़र रखती हैं.
इसके बाद भी अगर कोई पोर्न देखना चाहता है तो कुछ ऐसी बातें हैं जिनका उन्हें ख़याल रखना चाहिए. उनको पता लगे या नहीं, कई वेबसाइट उनके बारे में जानकारी इकठ्ठा करने के तरीके ढूंढती रहती हैं.
आइये इससे जुड़ी कुछ बातों के बारे में बताते हैं-
वेबसाइट के लिए किसी की भी पसंद के बारे में पता करना बहुत आसान है. जिस भी वेबसाइट पर आप जाते हैं, जिस भी लिंक पर क्लिक करते हैं और जो भी पसंद करते हैं उसको देखते हुए आपकी एक प्रोफाइल बनायी जाती है.
पोर्न वेबसाइट से कुछ भी डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है. जाने-अनजाने में उसमें वायरस हो सकता है जो डिवाइस पर किसी कोने में सेव हो जाएगा.
फिर वह ब्राउज़िंग के बारे में पूरी जानकारी देता रहेगा. ऑनलाइन उचक्कों के काम करने का ये आम तरीका है.
ऐसे मैलवेयर अगर किसी के कंप्यूटर पर आ जाते हैं तो ऑनलाइन जानकारी भी उनके हाथ लग सकती है.
बैंक के लॉग इन नाम और पासवर्ड अगर उनके हाथ लग गए तो वो किसी के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए बैंक अकाउंट के साथ टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन रखना बहुत काम की चीज़ है.
मैलवेयर स्मार्टफोन, टैबलेट या लैपटॉप पर डाउनलोड हो सकता है. इसीलिए डिवाइस पर एंटी वायरस बहुत ज़रूरी है.
घर के ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर एंटी वायरस सर्विस डाउनलोड करके सभी डिवाइस को सुरक्षित रखा जा सकता है. लेकिन अगर कोई पोर्न वेबसाइट अपने लिंक को आपके आईपी एड्रेस पर भेजने को कोशिश करेगा तो उसको एक या उससे ज़्यादा डिवाइस पर देखा जा सकता है.
ऑनलाइन पोर्न देखना जोखिम भरा क्यों है?
Place:
नई दिल्ली 👤By: Admin Views: 20654
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