मृत्यु का कोई अस्तित्व नहीं – मात्र एक भ्रम है: क्वांटम भौतिकी की नज़र से

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 760

✍ प्रतिवाद डेस्क | 10 अप्रैल 2025।

क्या मृत्यु वास्तव में अंत है? या फिर यह केवल हमारी चेतना की सीमित समझ का एक हिस्सा है? आधुनिक विज्ञान की सबसे रहस्यमयी शाखा — क्वांटम भौतिकी (Quantum Physics) — इस सवाल पर एक ऐसा दृष्टिकोण देती है, जो न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि जीवन और मृत्यु की हमारी पारंपरिक सोच को पूरी तरह बदल सकता है।

✨ क्वांटम भौतिकी का सिद्धांत: चेतना और वास्तविकता
क्वांटम भौतिकी कहती है कि सभी कण एक साथ कई अवस्थाओं में मौजूद हो सकते हैं — जब तक कि कोई उन्हें देखकर "निर्धारित" न कर दे। इसे सुपरपोजिशन कहा जाता है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि वास्तविकता तब तक निश्चित नहीं होती, जब तक हमारी चेतना उसे नहीं देखती या अनुभव नहीं करती।

यानी, ब्रह्मांड की हर चीज — यहां तक कि "मृत्यु" भी — हमारी चेतना से जुड़ी हुई है।

✨ मृत्यु: एक जैविक प्रक्रिया या चेतना का परिवर्तन?
क्वांटम सिद्धांत के कुछ वैज्ञानिक जैसे डॉ. रॉबर्ट लांजा (Dr. Robert Lanza) का मानना है कि मृत्यु असल में एक भ्रम है। उन्होंने "बायोसेंट्रिज़्म (Biocentrism)" नामक सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार हमारी चेतना ब्रह्मांड की उत्पत्ति है — न कि ब्रह्मांड हमारी चेतना की।

डॉ. लांजा के अनुसार,

"मृत्यु कोई अंतिम घटना नहीं है। जब शरीर नष्ट होता है, चेतना ब्रह्मांड के किसी अन्य स्थान या आयाम में जारी रहती है।"

✨ मल्टीवर्स थ्योरी (Multiverse Theory) और मृत्यु का पुनर्परिभाषण
क्वांटम भौतिकी में मल्टीवर्स या बहु-ब्रह्मांड सिद्धांत भी है। इसके अनुसार, हर निर्णय, हर घटना, हर संभावना अपने-अपने ब्रह्मांड में घट रही है।

तो हो सकता है कि जिस ब्रह्मांड में हमें मृत्यु दिखाई देती है, वहीं किसी अन्य ब्रह्मांड में हम जीवित हों — बिल्कुल उसी क्षण।
इस विचार के अनुसार, हमारी चेतना कभी मरती नहीं — वह केवल एक स्थिति से दूसरी स्थिति में 'शिफ्ट' होती है।

✨ क्या यह सिर्फ दर्शन है या विज्ञान?
यह विचार सुनने में दार्शनिक लगता है, लेकिन क्वांटम भौतिकी की गणनाएँ और प्रयोग, जैसे डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट (Double-slit experiment), यह दिखाते हैं कि प्रेक्षक की उपस्थिति ही वास्तविकता को प्रभावित करती है।

यानी, जब तक कोई उसे देखता नहीं, तब तक कुछ भी "निश्चित" नहीं होता — न जीवन, न मृत्यु।

✨ मृत्यु एक भ्रम है?
अगर चेतना ही वास्तविकता की रचयिता है, तो मृत्यु केवल हमारी जैविक समझ की सीमा हो सकती है — न कि एक वास्तविक अंत।

क्वांटम भौतिकी कहती है — मृत्यु नहीं है, केवल परिवर्तन है। जीवन एक सतत प्रवाह है, जो चेतना के स्तर पर अनंत रूप से जारी रहता है।

हो सकता है, हम अभी इस सच्चाई को पूरी तरह समझ न पाए हों, लेकिन भविष्य की विज्ञान यात्रा हमें इस गूढ़ रहस्य के और निकट ले जाएगी।

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