भोपाल: 12 नवंबर 2024। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संजय बांगर के बेटे आर्यन ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए अपना लिंग बदल लिया है। आर्यन ने हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाई है और अब उनका नाम अनाया है।
सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीरें
अनाया ने अपने इस बदलाव की जानकारी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें पिछले कुछ सालों में उनके लुक में आए बदलाव को दिखाया गया है।
कौन हैं संजय बांगर ?
जानकारी के लिए बता दें कि, अनाया के पिता संजय बांगर 2014 से 2018 सीजन तक टीम इंडिया के बैटिंग कोच रहे, पहले अनिल कुंबले मुख्य कोच थे और उसके बाद रवि शास्त्री। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 12 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले।
क्रिकेटर के सपने अधूरे रह गए
अपने पोस्ट में अनाया ने लिखा है, "पेशेवर रूप से क्रिकेट खेलने के अपने सपने को पूरा करना त्याग, दृढ़ता और अटूट समर्पण से भरा सफर रहा है। सुबह-सुबह मैदान पर जाने से लेकर दूसरों की शंकाओं और निर्णयों का सामना करने तक, हर कदम पर ताकत की जरूरत थी।"
आत्म-खोज का सफर
अनाया ने आगे लिखा, "लेकिन खेल से परे, मेरी एक और यात्रा थी. आत्म-खोज का मार्ग और बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना। अपने सच्चे स्व को अपनाने का मतलब था कठिन विकल्प चुनना, फिट होने के आराम को छोड़ना और जो मैं हूं उसके लिए खड़ा होना, भले ही यह आसान न हो।"
खुद को पाने की खुशी
अनाया ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा है, "आज, मुझे अपने पसंदीदा खेल का हिस्सा होने पर गर्व है, चाहे वह किसी भी स्तर या श्रेणी में हो, न केवल एक एथलीट के रूप में बल्कि अपने वास्तविक स्व के रूप में। यह रास्ता आसान नहीं रहा है, लेकिन अपने सच्चे स्व को पाना सबसे बड़ी जीत रही है।"
समाज में ट्रांसजेंडर मुद्दे
अनाया के इस फैसले ने एक बार फिर समाज में ट्रांसजेंडर मुद्दे को उठा दिया है। यह एक सामाजिक मुद्दा है जिस पर खुलकर बातचीत करने की जरूरत है।
विशेषज्ञों की राय
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ट्रांसजेंडर लोगों को समाज में स्वीकार करना बहुत जरूरी है। उन्हें बिना किसी भेदभाव के समान अधिकार मिलने चाहिए।
समाज में बदलाव की जरूरत
अनाया की कहानी हमें यह सिखाती है कि हर व्यक्ति को अपनी पसंद और अपनी पहचान चुनने का अधिकार है। हमें समाज में ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
अनाया का यह फैसला एक साहसिक कदम है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि अपने सच्चे स्व को स्वीकार करना कितना महत्वपूर्ण है।