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अवनि की जिंदगी में टकराव की वजह दयावंती-आशीष के रिश्ते की ताकत

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Place: भोपाल                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 19173

सितम्बर 14, 2016। अनुभवी फिल्मकार महेश भट्ट का नया शुरू हुआ शो 'नामकरण' अपनी दमदार कहानी से दर्शकों के बीच चर्चाओं के मध्य में है। दिग्गज फिल्मकार श्री भट्ट ने अपने टीवी शो को शानदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और नामकरण में प्रसिद्ध अदाकारा रीमा लागू और अभिनेता विरफ फिरोज पटेल जैसे शानदार कलाकारों की मौजूदगी सबसे खास बात है। दोनों प्रशंसित कलाकार शो में मां-बेटे दयावंती बेन और आशीष मेहता के किरदारों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।



आशीष मेहता (विरफ फिरोज पटेल अभिनीत) भले अपनी व्यवसायिक जिंदगी में एक सफल निर्देशक हो, लेकिन अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में वह एक इंसान, एक पिता और एक बेटे के रूप में संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है। एक बेटे के रूप में उसे बहुत दुलार मिला है और आशीष इस बात को पूरी तरह समझता है कि उसकी मां ने उसे पालने पोसने में कितनी मुश्किलों को सामना किया है। इस वजह से वह उनको पूजता है और आज जो कुछ भी वह है, उसका पूरा श्रेय मां को देता है। दूसरी तरफ वह अपनी बेटी अवनि के लिए वैसा पिता नहीं बन पाता जैसा वह उससे उम्मीद रखती है। मां-बेटे के इस रिश्ते की ताकत और उनके बीच का विश्वास ही अवनि की जिंदगी में टकराहट का कारण बनती है। अवनि सिर्फ एक आम जिंदगी की ख्वाहिश करती है जिसके लिए जरूरी है कि दयावंती उसकी मां आशा (बरखा बिष्ट सेनगुप्ता अभिनीत) को आशीष की जिंदगी में स्वीकार कर ले।



दयावंती एक आधुनिक महिला होने के साथ ही अपनी जड़ों, संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों से जुड़ी हुई है। इंडस्ट्री में अपने दमदार किरदारों से अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाली रीमा लागू मजबूत और स्वाअभिमानी महिला दयावंती का किरदार निभा रही हैं। वह एक स्नेहमयी मां है जो महिला शक्ति में विश्वास करती है। उसने खुद के दम पर अपनी जिंदगी में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है और खुद को सशक्त बनाया है। इसीलिए वह अपनी आज की सफलता की कीमत पहचानती है और इस बात पर निहायत फख्र करती है कि उसने खुद अकेले अपने दम पर अपने बेटे को बेहद सलीके से पाला पोसा है। दयावंती ने अपने परिवार की समाज में एक इज्जतदार जगह बनायी है और वह कोई भी ऐसी बात नहीं मानेगी जिससे उसके परिवार के स्तर पर आंच आए।



दर्शकों की प्रतिक्रियाओं पर बेहद खुश और उत्साहित रीमा लागू ने कहा, "टेलिविजन हमेशा से एक खूबसूरत सफर रहा है और मुझे खुशी है कि इस बार यह सफर भट्ट साहब के साथ हो रहा है। मैं नामकरण का हिस्सा बनकर बेहद खुश हूं। यह एक अनूठी लड़की की खूबसूरत कहानी है जो बुरी से बुरी परिस्थिति में सकारात्मकता खोज निकालती है। जब भट्ट साहब ने मुझे कहानी सुनाई थी तभी मैं समझ गई थी कि वह भारतीय टेलिविजन को कुछ अलग देने वाले हैं और मुझे यह बेहद पसंद आयी। सबसे खास है कि मेरा किरदार बेहद मजबूत महिला का है जिसने एक सफल जिंदगी जी है और अपनी ताकत खुद बढ़ाई है। उसके संघर्षोंं ने उसके बेटे को बेहद सफल व्यवसायी बनाया है जिस पर वह बहुत गर्व महसूस करती है।"



शो और अपने किरदार के बारे में बात करते हुए विरफ फिरोज पटेल ने कहा, "नामकरण जब मेरे पास आया तो मैंने इस किरदार के लिए हां कहने में वक्त नहीं लगाया। हर किरदार बेहद अच्छे से उभारा गया है जिससे हमें इसे जीवंत करने में बेहद मजा आता है। हम सब कहानी के किरदारों को महसूस कर रहे हैं और उन्हें पूरी शिद्दत से जी रहे हैं। अवनि का मासूम किरदार इतना जीवंत है कि किसी का भी दिल मेरी तरह पिघल जाए। मुझे खुशी है कि मैं इस शो का हिस्सा हूं।"



दोनों कलाकार झीलांे के शहर पर मुग्ध थे। रीमा लागू ने कहा, "भोपाल बेहद खूबसूरत शहर है। यह बेहद शांत और प्रदूषणमुक्त शहर है। मैं यहां की हरियाली और झीलों पर मुग्ध हो गयी हूं। भोपाल निश्चित रूप से ऐसा शहर है जहां हजारों बार वापस आया जा सकता है।"



महेश भट्ट का शो 'नामकरण' 10 साल की दिलेर और साहसी लड़की अवनि की बिना किसी पुरुष की मदद के खुद की तलाश करने का सफर है। आरशीन नामदार अवनि का केंद्रीय किरदार निभा रही हैं जबकि बरखा बिष्ट उनकी मां आशा के किरदार में हैं।

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