हिंदी विश्‍वविद्यालय में ग्रह नक्षत्र वाटिका पर हुआ व्याख्यान

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 18720

ग्रह और राशियों के अनुसार दी पौधों की जानकारी

20 सितम्बर 2016। अटल बिहारी हिंदी विश्‍वविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के तहत ग्रह नक्षत्र वाटिका पर मंगलवार को व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने ग्रहों और राशियों के पौधों की जानकारी देने के साथ वॉटनिकल गार्डन विकसित करने के बारे में विस्तार से बताया।



विश्‍वविद्यालय के शैक्षणिक परिसर में ग्रह नक्षत्र वाटिका के डिजाइन और राशि के मुताबिक किस पौधे को किस तरह लगाया जाये इसकी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में विशेषज्ञ प्रो. पी.सी. कोतवाल ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने जन्म नक्षत्र से संबंधित पौधे को लगाता है और उसकी सेवा करता है तो उसे स्वास्थ्य, संपदा और सुख मिलता है। प्रो. कोतवाल के अनुसार सौर मंडल में ग्रह अपनी-अपनी कक्षा में घूमते हुए 12 राशियों के माध्यम से व्यक्ति पर प्रभाव डालते हैं। हर एक राशि का स्वामी एक ग्रह होता है। ग्रहों और नक्षत्रों के प्रतिनिधि पौधे अलग-अलग जगह पाये जाते हैं जिन्हें एक विशेष क्रम में लगाकर नक्षत्र वाटिका बनाई जाती है। इस वाटिका में 7 चक्रों में अलग-अलग पौधों को लगाया जाता है। वाटिका के बीच में सूर्य ग्रह के प्रतिनिधि पौधे मदार को लगाया जाता है।



कार्यक्रम में उपस्थित एक अन्य विशेषज्ञ डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा के अनुसार मानव जीवन में पेड़ पौधों का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार शरीर के हर अंग पर नक्षत्र अपना प्रभाव डालते हैं। शास्त्रों से यह भी जानकारी मिलती है कि कौन सा रोग किस नक्षत्र में हुआ और उसकी समय सीमा क्या है। इसके अलावा किस पौधे और औषधी का सेवन किस बीमारी में किया जाये यह भी हमारे शास्त्रों में लिखा है। प्रो. मिश्रा के मुताबिक मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है जिसका प्रतिनिधि पौधा खैर है। वहीं वृषभ और तुला राशि का स्वामी शुक्र होता है जिसका प्रतिनिधि पौधा गूलर है। मिथुन और कन्या राशि का प्रतिनिधि पौधा अपामार्ग, कर्क राशि के लिए पलाश प्रतिनिधि है, जबकि सिंह के लिए मदार प्रतिनिधि पौधा है। कार्यक्रम में उपस्थित विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहनलाल छीपा ने कहा कि मानव शरीर प्रकृति की देन है। इसलिए हमें भी अपनी प्रकृति को सहेजने और देखरेख करने की जिम्मेवारी ईमानदारी से निभानी चाहिए। प्रो. छीपा जी के मुताबिक विश्‍वविद्यालय की जमीन पर भी एक ग्रह नक्षत्र वाटिका और वॉटनिकल गार्डन विकसित करने का काम जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हितेन्द्र राम, डॉ. राजेश मिश्रा और डॉ. वंदना गांधी ने किया। इस मौके पर विश्‍वविद्यालय के सभी अधिकारी, कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।

Related News

Latest News

Global News