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भोपाल के तालाब में मिली अमेरिका की खतरनाक मछली, इंसानों पर करती हैं हमला

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1391

20 अप्रैल 2023। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़े तालाब में मगरमच्छ के जैसे जबड़े वाली एलीगेटर गार फिश के मिलने से हड़कंप मच गया है। यह मछली अमेरिका में पाई जाती है। अब इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि यह मछली आई कहां। एक्सपर्ट को आशंका है कि यह मछली बड़े तालाब का ईको-सिस्टम खराब कर सकती है। वन-विभाग की टीम कई तरीके से इस मछली की जानकारी जुटा रही है। जिला प्रशासन उस शख्स का लाइसेंस जांच रहा है, जिसने इस मछली को पकड़ने का दावा किया है। इस मछली की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यह मछली इंसानों पर भी हमला करने से नहीं चूकती।

गौरतलब है कि 19 अप्रैल को भोपाल से एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में एक अनोखी मछली दिखाई जा रही थी। जैसे ही ये वीडियो वन विभाग और एक्सपर्ट के पास पहुंचा, वैसे ही हड़कंप मच गया। पता चला कि भोपाल तालाब में पकड़ी गई मछली कोई और नहीं बल्कि एलीगेटर गार फिश है। इसका जबड़ा मगरमच्छ जैसा है। एक्सपर्ट ने बताया कि यह मछली खतरनाक होती है। यह उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है। इस मछली की खासियत है कि यह इंसानों पर भी हमला कर देती है।

बड़े तालाब के ईको-सिस्टम को खतरा
एक्सपर्ट ने बताया कि एलिगेटर गार फिश इंसानों के लिए खतरा है। बड़े तालाब में मिली मछली की लंबाई करीब डेढ़ फीट है। जबकि, यह 12 फीट तक लंबी हो सकती है। वन विभाग के जानकारों के मुताबिक, यह मछली पहली बार मिली है। यह मांसाहारी होती है। अब वन विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि उत्तरी अमेरिका में पाई जाने वाली एलीगेटर गार भोपाल के बड़े तालाब तक कैसे पहुंची। क्या इनकी संख्या ज्यादा हो सकती है। और, अगर ऐसा हुआ तो यह मांसाहारी मछली भोपाल के बड़े तालाब के ईको-सिस्टम के लिए खतरा हो सकती है। यह दूसरी प्रजाति की मछलियों को खत्म कर सकती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इस मछली की उम्र 18 से 20 साल तक होती है।

युवक का जांचा जा रहा लाइसेंस
बताया जा रहा है कि जिस युवक के जाल में यह मछली फंसी उस युवक ने भी इस पर आश्चर्य जताया है। सोशल मीडिया पर इस मछली का वीडियो और फोटो वायरल हो रहा है। दरअसल भोपाल के बड़े तालाब में मछलियों की कई छोटी-बड़ी प्रजातियां हैं। अक्सर अलग-अलग राज्यों से मछली के बीज बड़े तालाब में डाले जाते हैं। आशंका जताई जा रही है कि कहीं उन बीजों के कारण ही तो यह मछली भोपाल के बड़े तालाब तक नहीं पहुंची। बताया जा रहा है इस तरह की मछली पहले भी पकड़ी जा चुकी है। अधिकारी उस युवक का लाइसेंस भी जांच रहे हैं जिसने इस मछली को पकड़ने का दावा किया है।


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