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ब्राह्मण समाज के महाकुंभ में पहुंचे सीएम शिवराज जानें क्या की घोषणा

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2061

4 जून 2023। भोपाल के जंबूरी मैदान पर रविवार को ब्राह्मण समाज का महासम्‍मेलन आयोजित किया गया। इसमें प्रदेशभर से बड़ी संख्‍या में ब्राह्मण समुदाय के लोग पहुंचेे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। गुफा मंदिर के प्रवेशदास जी महाराज, कई धर्माचार्य, भागवताचार्य और कर्मकांडी ब्राह्मण भी सम्‍मेलन में शामिल हैं। दोपहर करीब सवा दो बजे सीएम शिवराज ब्राह्मण महाकुंभ में पहुंचे और कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सम्‍मेलन में सभी राजनीतिक दलों के ब्राह्मण नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में सीएम शिवराज के साथ मंच पर भाजपा प्रदेशाध्‍यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव, विधायक रामेश्‍वर शर्मा, कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी समेत ब्राह्मण समाज की अनेक गणमान्‍य हस्‍तियां मौजूद थे।





ब्राह्मण समाज के सभी संगठन एक मंच पर आकर सभी राजनीतिक दलों से इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट की मांग भी रखी।
ब्राह्मण समाज की ये हैं प्रमुख मांगें
- ब्राह्मण आयोग का गठन किया जाए। किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को अध्यक्ष न बनाया जाए। समाज से ही अध्यक्ष चुना जाए।
- एट्रोसिटी एक्ट को समाप्त किया जाए क्योंकि इसमें न तो गिरफ्तारी के पूर्व जांच का, न अग्रिम जमानत का, न पैरोल का और न ही आईपीसी की धारा 360 के अंतर्गत अच्छे चाल-चलन के लिए जेल से शीघ्र छोड़े जाने का प्रविधान है। ऐसा अंधा कानून विश्व के किसी भी लोकतांत्रिक देश में नहीं।
- ब्राह्मण वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में मध्यप्रदेश में 14% आरक्षण का लाभ दिया जाए, जिसमें वे सारी सुविधाएं प्रदान की जाएं जो एससी-एसटी एवं पिछड़ा वर्ग लोगों को दी जा रही हैं।
- ब्राह्मण वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए शासन द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था की जाए।
- ओबीसी की भांति आठ लाख से नीचे आय वाले निर्धन ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।
- ब्राह्मण वर्ग के 8 लाख से नीचे के विद्यार्थी को निश्‍शुल्क सरकारी आवेदन की पात्रता दी जाए। भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
- मस्जिद गिरजाघरों एवं गुरुद्वारे के समान एवं संविधान की धर्मनिरपेक्षता की भावना को ध्यान में रखते हुए भारत के सभी मंदिरों को शासन के नियंत्रण से मुक्त रखा जाए और उनका नियंत्रण मंदिर के संस्थानों को साथ दिया जाए।
- मंदिरों का सर्वे करवाकर सभी सार्वजनिक मंदिरों के पुजारियों को रुपए 10,000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाए तथा चढ़ावे में उनका हिस्सा 50% किया जाए। मंदिरों से हुई धर्मस्व की आमदनी की संपूर्ण राशि मंदिरों के जीर्णोद्धार, गुरुकुल तथा गौशाला संचालन हेतु शासकीय अनुदान के रूप में प्रदान की जाए।
- सनातन धर्म के कथा वाचक साधु संतों एवं ब्राह्मण समाज के किसी व्यक्ति अथवा ब्राह्मण समाज को, सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर अपशब्द बोलने एवं अपमानित किए जाने की दशा में, ऐसा करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने का प्रविधान किया जाए।
- ब्राह्मण समाज को विभिन्न सामाजिक धार्मिक एवं लोक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की जाए।
- महान क्रांतिकारी पंडित चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे की तरह देश पर मर मिटने वाले अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मान दिया जाए एवं आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।


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