अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर हिंदी शिक्षण कार्यक्रम

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1987

एक करोड़ लोगों को हिंदी शिक्षण कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा?संतोष चौबे
वैश्विक स्तर पर हिंदी शिक्षण के लिए डिजिटल प्रवेशिका आखर पंचायत हुई लोकार्पित

9 सितंबर 2023। आज भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा की लोकप्रियता पूरे विश्व में काफी बढ़ी है। विदेशों में भारतीय संस्कृति को जानने और हिंदी सीखने का रूझान काफी बढ़ा है। इसी तरह भारत के अहिंदी भाषी राज्यों खासकर उत्तर पूर्वी एवं दक्षिण के राज्यों में भी हिंदी सीखने वालों की मांग बहुत बढ़ी है। भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा शिक्षण को कौशल के रूप में रेखांकित किया गया है। यह बहुत सुखद है कि हिंदी वैश्विक स्तर पर रोजगारमूलक भाषा के रूप में भी स्थापित हो रही है।

इसी को आत्मसात करते हुए 'विश्व रंग' के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा 'हिंदी शिक्षण कार्यक्रम' का शुभारंभ किया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर हिंदी शिक्षण के लिए रचनात्मकता और पठनीयता पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए 'आखर पंचायत डिजिटल प्रवेशिका' का निर्माण बहुत ही सुंदरता के साथ किया गया है। इसके द्वारा ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों माध्यम से बहुत ही रोचकता के साथ हिंदी सीखी जा सकेगी। आगामी वर्षों में हम एक करोड़ लोगों को हिंदी शिक्षण कार्यक्रम से जोड़कर लाभान्वित करेंगे। इसके लिए प्रवेशिका को विभिन्न भारतीय भाषाओं के साथ ही विदेशी भाषाओं में भी वहाँ के स्थानीय परिवेश को समाहित करते हुए डिजिटल स्वरूप में ही विकसित किया जाएगा। शीघ्र ही यह प्रवेशिका एंड्रॉइड फोन पर ऐप के जरिए भी हिंदी शिक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होगी।

उक्त विचार वरिष्ठ कवि-कथाकार, निदेशक, विश्व रंग एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के शुभ अवसर पर विश्व रंग के अंतर्गत 'हिंदी शिक्षण कार्यक्रम' के शुभारंभ एवं 'आखर पंचायत डिजिटल प्रवेशिका' के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।

इस अवसर पर मुकेश वर्मा, वरिष्ठ कथाकार एवं अध्यक्ष, वनमाली सृजन पीठ, भोपाल, बलराम गुमास्ता, वरिष्ठ कवि एवं विश्व रंग परिवार के वरिष्ठ सदस्य ने विशेष रूप से उपस्थित होकर हार्दिक शुभकामनाएँ दी।

विश्व रंग की सह?निदेशक एवं उप-कुलाधिपति डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुभकामनाएँ देते कहा कि विश्व रंग के अंतर्गत हम डिजिटल प्रवेशिका के साथ-साथ हिंदी पठन-पाठन के लिए और भी रोचक और पठनीय डिजिटल सामग्री का निर्माण करेंगे। लोगों तक इसकी पहुँच को भी आसान बनाएँगे। हमारे नेटवर्क का मूल आधार हिंदी ही हैं।

डॉ. जवाहर कर्नावट, सलाहकार, प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केन्द्र ने कहा की हिंदी शिक्षण कार्यक्रम आज की अहम जरूरत है। हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ हमारी राजकीय भाषा है। हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के साथ-साथ हमें विश्व में भी एक अलग पहचान दिलाना है। विश्व रंग ने वैश्विक स्तर पर इस दिशा में बहुत ही सार्थक और सराहनीय कार्य किया है। हिंदी शिक्षण कार्यक्रम भी इस दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा। यह प्रवेशिका साक्षरता के साथ ही हिंदी शिक्षण के लिए विदेशों में भी लाभकारी सिद्ध होगी।

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉ. संगीता जौहरी ने कहा कि हिंदी शिक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण सोपान है। हिंदी शिक्षण के इतिहास में यह प्रयास स्वर्ण अक्षरों में रेखांकित किया जायेगा।

आखर पंचायत प्रवेशिका के लेखक और विश्व रंग सचिवालय के सचिव संजय सिंह राठौर ने आखर पंचायत प्रवेशिका की निर्माण प्रक्रिया और इसकी विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए भारत के अहिंदी भाषी उत्तर पूर्व एवं दक्षिण के राज्यों सहित विदेशों में प्रवासी भारतीयों के माध्यम से हिंदी शिक्षण के लिये व्यापक संभावनाओं पर विचार व्यक्त किये।

सर्वप्रथम हिंदी शिक्षण के लिए मूल प्रवेशिका एवं डिजिटल प्रवेशिका का लोकार्पण अतिथियों द्वारा समारोह पूर्वक किया गया।

इस अवसर पर डिजिटल प्रवेशिका के क्रिएटिव डायरेक्टर श्री प्रशांत सोनी एवं श्री कार्तिक सराठे द्वारा डिजिटल प्रवेशिका का प्रस्तुतीकरण करते हुए इसकी निर्माण प्रक्रिया पर अपने सार्थक विचार प्रस्तुत किए।

वरिष्ठ गीतकार-संगीतकार संतोष कौशिक ने डिजिटल प्रवेशिका के निर्माण में प्रेरणा गीतों की भूमिका पर बहुत ही रचनात्मक विचार व्यक्त करते हुए साक्षरता की मशहूर कव्वाली "घर?घर में जाकर शिक्षा का दीपक जलाइए" गाकर सभी को आंदोलित कर दिया।

इस अवसर पर कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी द्वारा प्रवेशिका निर्माण टीम के सभी सदस्यों ? श्री संजय सिंह राठौर, प्रवेशिका लेखक एवं संपादक, श्री प्रशांत सोनी, क्रिएटिव डायरेक्टर, डिजिटल प्रवेशिका एवं वाईस ऑवर तथा डिजिटल स्क्रिप्ट लेखक, श्री रोहित श्रीवास्तव, आर.एन.टी.यू. स्टूडियो प्रमुख, डॉ. मोनिका सिंह, सूत्रधार, श्री कार्तिक सराठे, ग्राफिक्स ऐनिमेटर, श्री संतोष कौशिक, गीत?संगीत निर्देशक, आशीष पोद्दार, साउंड रिकार्डिंग, श्री सौरभ अग्रवाल, वीडियो संपादन, श्री रामदीन, तकनीकी विशेषज्ञ को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

लोकार्पण समारोह के अंत में आभार डॉ. रुचि मिश्रा तिवारी, डीन, मानविकी एवं उदार कला संकाय, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर शारदा सभागार में सभी रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय, स्कोप महाविद्यालय के समस्त प्राचार्य, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में संकायों के सदस्यों, टैगोर नाट्य विद्यालय के कलाकारों सहित बड़ी संख्या में हिंदी प्रेमियों ने रचनात्मक उपस्थिति दर्ज कराई।


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