चंदेरी की हस्तशिल्प कला ने जी-20 शिखर सम्मेलन में अपनी चमकदार उपस्थिति दर्ज कराई है।
चंदेरी के बुनकरों ने दो हजार अंगवस्त्रों (स्टाल्स) को दिन-रात की कड़ी मेहनत से तैयार किया।
स्टाल्स पर कमल के फूलों की डिजाइन है।
एक स्टाल की कीमत करीब 1216 रुपये है।
भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में चंदेरी की हस्तशिल्प कला ने भी अपनी चमक बिखेर दी है। शिखर सम्मेलन में शामिल राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों का स्वागत चंदेरी के बुनकरों द्वारा तैयार किए गए अंगवस्त्रों (स्टाल्स) से किया जा रहा है।
From Intricate Carvings to Delicate Embroidery, the #G20 Crafts Bazaar at #BharatMandapam is a Kaleidoscope of India's Immemorial Craft Heritage.
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) September 6, 2023
Bagh Printing, Chanderi Weaving from Madhya Pradesh and Dhokra Craft from Chattisgarh are all set to feature at the Crafts Bazaar,? pic.twitter.com/N5abnY4gZK
चंदेरी के करीब 20 बुनकरों ने दिन-रात की कड़ी मेहनत से तय समय सीमा में दो हजार अंगवस्त्र तैयार किए। स्टाल्स पर कमल के फूलों की डिजाइन है। इन स्टाल्स को चंदेरी हस्त शिल्प विकास निगम द्वारा तैयार कराया गया था।
बुनकर अमीनउद्दीन अंसारी ने बताया कि उन्हें मध्य पद्रेश हस्त शिल्प विकास निगम द्वारा तैयार की गई डिजाइन के आधार पर दो हजार लोटस के मोनो वाले स्टाल बनाने का आर्डर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें तब यह पता नहीं था कि उनके द्वारा बुने स्टाल्स कहां जाएंगे। उन्होंने एक स्टाल को बनाने में पूरा एक दिन लगाया।
चंदेरी हस्त शिल्प विकास निगम के सेल्स एक्जीक्यूटिव रामेश्वर परिहार के अनुसार बाजार में एक स्टाल की कीमत करीब 1216 रुपये है। स्टाल्स बनाने के लिए बुनकरों को कच्ची सामग्री निगम द्वारा प्रदान की गई। हाथ की महीन कला के बदले बुनकरों को प्रतिदिन करीब 530 रुपये मेहनताना मिलता है।
यह पहली बार नहीं है जब चंदेरी की हस्तशिल्प कला ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इससे पहले वर्ष 2010 में जब भारत ने कामन वेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी, तब भी विजेता खिलाड़ियों को मेडल के साथ चंदेरी में बने अंगवस्त्र प्रदान किए गए थे।
जी-20 शिखर सम्मेलन में चंदेरी की हस्तशिल्प कला ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि भारत की संस्कृति और विरासत दुनिया भर में अपनी पहचान बना रही है।