
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि डेटा सुशासन की नींव है।
प्रदेश में डेटा संग्रहण और विश्लेषण की क्षमता निरंतर बढ़ाई गई है।
1 करोड़ 30 लाख बहनों के खाते में सीधे राशि भेजने का कार्य विश्वसनीय और व्यवस्थित आंकड़ों से संभव हुआ है।
प्रदेश में डेटा आधारित सुशासन व्यवस्था को साक्ष्य आधारित सुशासन व्यवस्था में अपग्रेड करने के लिए मूल्यांकन एवं प्रभाव आंकलन केन्द्र स्थापित किया गया है।
प्रदेश में चाइल्ड और जेंडर बजटिंग को अपनाया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने एग्पा (अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल) में स्थापित किए गए मूल्यांकन एवं प्रभाव आकलन केन्द्र का वर्चुअल शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य नीति आयोग मध्यप्रदेश द्वारा प्रकाशित एसडीजी प्रगति रिपोर्ट-2023 का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शोध, सर्वेक्षण और वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया डेटा उपयोगी है। यह सुशासन की नींव है और जन-कल्याण में सहायक बनता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेटा संग्रहण और विश्लेषण की क्षमता निरंतर बढ़ाई गई है। प्रदेश में 1 करोड़ 30 लाख बहनों के खाते में सीधे राशि भेजने का कार्य विश्वसनीय और व्यवस्थित आंकड़ों से संभव हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेटा आधारित सुशासन व्यवस्था को साक्ष्य आधारित सुशासन व्यवस्था में अपग्रेड करने के लिए मूल्यांकन एवं प्रभाव आंकलन केन्द्र स्थापित किया गया है। यह केन्द्र योजनाओं के प्रभाव को देखने, नीतियों के प्रभावी होने और विकास से जुड़े सवालों के जवाब प्राप्त करने के लिए कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चाइल्ड और जेंडर बजटिंग को अपनाया गया है। यह कार्यशाला राज्य शासन, सार्वजनिक वित्त संस्थान, निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर मध्यप्रदेश के समग्र विकास के लिए चाइल्ड एवं जेंडर सेंसटिव बजटिंग की उपयोगिता को प्रतिष्ठित करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से मध्यप्रदेश में डेटा आधारित सुशासन की नींव रखी गई है। प्रदेश में डेटा संग्रहण और विश्लेषण की क्षमता बढ़ाई गई है। मूल्यांकन एवं प्रभाव आंकलन केन्द्र और चाइल्ड और जेंडर बजटिंग जैसे प्रयासों से प्रदेश में साक्ष्य आधारित सुशासन व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।