
15 सितंबर 2023। भारत ने मछली निर्यात में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब भारत हर साल 60 हजार करोड़ रुपये की मछलियों का निर्यात करता है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली निर्यातक देश बनाती है।
यह उपलब्धि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के कारण संभव हो सकी है। इस योजना के तहत सरकार ने मछली पालकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की है।
मछली निर्यात में वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। यह लाखों लोगों को रोजगार भी प्रदान करेगा।
मछली पालन में देश को पहले नंबर पर लाने का संकल्प
इंदौर में आयोजित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यक्रम में देश भर के मछली पालकों ने मछली उत्पादन में दूसरे नंबर के स्थान पर अब पहले नंबर पर आने का संकल्प लिया।
केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि "बीते 9 वर्ष में देश में 8000 किलोमीटर में फैले कोस्टल एरिया में मछली का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। जिसके फलस्वरुप हर साल अब 60,000 करोड़ रुपए का मत्स्य उत्पादन विभिन्न देशों के लिए एक्सपोर्ट हो रहा है।"
उन्होंने कहा कि सरकार मछली पालन के क्षेत्र में और अधिक निवेश करेगी ताकि भारत मछली उत्पादन में दुनिया का नंबर एक देश बन सके।
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाएं
सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत मछली पालकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
इन योजनाओं में शामिल हैं:
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास योजना
मछली पालन विकास योजना
इन योजनाओं के तहत मछली पालकों को मछली बीज, तालाब बनाने के लिए सामग्री, मछली पालन के उपकरण और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।