19 सितंबर 2023। देश की संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला आरक्षण बिल पारित हो गया है। इस बिल के लागू होने से मध्य प्रदेश विधानसभा में भी महिलाओं की संख्या में भारी वृद्धि होगी।
मध्यप्रदेश विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी वर्तमान में 10% से भी कम है।
33% आरक्षण सुनिश्चित हो जाने पर, महिलाओं की संख्या 76 तक पहुंच जाएगी।
भाजपा और कांग्रेस दोनों इस बिल का श्रेय ले रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने चुनावों के कारण यह बिल पेश किया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी में 33% आरक्षण से भारी बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में, 230 सदस्यीय विधानसभा में केवल 23 महिला विधायक हैं, जो कुल संख्या का 10% से भी कम है। 33% आरक्षण सुनिश्चित हो जाने पर, महिलाओं की संख्या 76 तक पहुंच जाएगी, जो कुल संख्या का लगभग 33% है।
यह वृद्धि महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, जो लंबे समय से राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व की मांग कर रही हैं। यह मध्यप्रदेश की राजनीति में महिलाओं की आवाज को मजबूत करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ाने में मदद करेगा।
हालांकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों इस बिल का श्रेय ले रहे हैं। भाजपा का कहना है कि यह उनकी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है, जबकि कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने चुनावों के कारण यह बिल पेश किया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शोभा ओझा कहती हैं कि भाजपा ने 2014 के अपने मैनिफेस्टो में महिला आरक्षण बिल लागू करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा करने में उन्हें नौ साल लग गए। उनका आरोप है कि भाजपा ने केवल इसलिए यह बिल पेश किया है क्योंकि उन्हें चुनावों में चुनौती मिल रही है।
चाहे भाजपा या कांग्रेस, इस बिल से मध्यप्रदेश विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी में भारी बढ़ोतरी होगी। यह महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी और मध्यप्रदेश की राजनीति में महिलाओं की आवाज को मजबूत करने में मदद करेगा।
मध्यप्रदेश विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी में 33% आरक्षण से होगी भारी बढ़ोतरी
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 1157
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