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पाश्चात्य संगीत से बेहतर है लोक संगीत

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Place: भोपाल                                                👤By: वेब डेस्क                                                                Views: 17718

स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री जोशी ने कला उत्सव-2016 में शामिल टीमों को पुरस्कृत किया



भोपाल 7 अक्टूबर, 2016, पाश्चात्य संगीत से बेहतर है अपना लोक संगीत। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री दीपक जोशी ने यह बात राज्य-स्तरीय कला उत्सव-2016 के समापन पर कही। श्री जोशी ने उत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीमों को पुरस्कृत किया। उन्होंने विजेता टीमों को स्वेच्छानुदान मद से 15-15 सौ रुपये देने की घोषणा भी की।



कला उत्सव में नाट्य-कला से संबंधित प्रतियोगिताएँ हुईं। उत्सव में सभी संभाग के लगभग 400 विद्यार्थी शामिल हुए। प्रथम पुरस्कार प्राप्त टीम 14-19 नवम्बर तक दिल्ली में होने वाले राष्ट-स्तरीय कला उत्सव में शामिल होंगी।



स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री जोशी ने कहा कि कला उत्सव सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम है। उन्होंने कहा कि कला सामाजिक सरोकारों से जुड़ी है। श्री जोशी ने कहा



कि इसे अगले वर्ष से बड़े स्वरूप में करवाया जाये। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा दी गयी प्रस्तुति को भी सराहा। उत्सव में इंदौर संभाग की टीम ने गणगौर नृत्य और होशंगाबाद की टीम ने संगीत कला की प्रस्तुति दी।



दृश्य कला में भोपाल को प्रथम स्थान

कला उत्सव में हुई प्रतियोगिताओं में दृश्य कला में भोपाल संभाग को प्रथम, ग्वालियर को द्वितीय और होशंगाबाद को तृतीय स्थान मिला। इसी तरह नाट्य कला में सागर को प्रथम, जबलपुर को द्वितीय और उज्जैन को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। नृत्य कला में इंदौर को प्रथम, सागर को द्वितीय और ग्वालियर को तृतीय पुरस्कार मिला। संगीत कला में होशंगाबाद को प्रथम, इंदौर को द्वितीय और भोपाल को तृतीय स्थान मिला।

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