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ग्वालियर को यूनेस्को ने संगीत के लिए "सिटी ऑफ़ म्यूजिक" का दर्जा दिया

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1518

1 नवंबर 2023। मध्य प्रदेश की स्थापना दिवस के अवसर पर, यूनेस्को ने ग्वालियर को अपनी क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल किया है। ग्वालियर को संगीत विरासत के लिए इस सूची में शामिल किया गया है।

मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग ने इस प्रस्ताव को यूनेस्को को भेजा था। इस प्रस्ताव में बताया गया था कि ग्वालियर अपनी संगीत धरोहर के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यह शहर तानसेन, बेजू बाबरा, राग रागनी, ध्रुपद के लिए प्रसिद्ध है।

ग्वालियर को मिली इस सफलता पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश की एक नई पहचान स्थापित करेगी और विकास व रोज़गार के नए द्वार खोलेगी।

ग्वालियर को "सिटी ऑफ़ म्यूजिक" का दर्जा मिलने से शहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और शहर के लिए आर्थिक विकास के अवसर पैदा होंगे।

ग्वालियर की संगीत विरासत
ग्वालियर को संगीत के लिए "सिटी ऑफ़ म्यूजिक" का दर्जा मिलने के पीछे शहर की समृद्ध संगीत विरासत का योगदान है। ग्वालियर को "तानसेन की नगरी" के रूप में भी जाना जाता है। तानसेन, जो कि एक प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार थे, का जन्म ग्वालियर में हुआ था। ग्वालियर में कई संगीत संस्थान और विश्वविद्यालय हैं जो संगीत की शिक्षा प्रदान करते हैं। शहर में कई संगीत समारोह और कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

ग्वालियर को यूनेस्को की क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल करने का महत्व
यूनेस्को की क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क एक ऐसा मंच है जो दुनिया भर के शहरों को उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देने और साझा करने के लिए एक साथ लाता है। ग्वालियर को इस नेटवर्क में शामिल होने से शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और उसे अपनी संगीत विरासत को बढ़ावा देने के लिए नए अवसर मिलेंगे।


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