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मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास और आवास विभाग की समीक्षा की

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Place: जबलपुर                                                👤By: prativad                                                                Views: 919

19 दिसंबर 2023। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज विधानसभा के समिति कक्ष में नगरीय विकास और आवास विभाग की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने बिल्डिंग परमिशन और कम्पाउंडिंग के नियम-प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियम स्पष्ट और सरल हों, जिससे आम आदमी आसानी से समझ सके और उसे कोई परेशानी न हो। उन्होंने नगरीय निकायों से नक्शे जल्दी पास कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी नगरीय निकायों से अनुमति प्राप्त की जाएं। उन्होंने कहा कि टीडीआर व टीओडी के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएं ताकि रहवासियों को सुविधा प्राप्त हो और शहरों की बेहतर प्लानिंग भी सुनिश्चित की जा सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा मांस और मछली के खुले में बिकने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनके विक्रेताओं को परेशानी न हो, इस उद्देश्य से नगरीय निकायों द्वारा मांस-मछली मार्केट के लिए आवश्यक रूप से भवन निर्मित किए जाएं। उन्होंने कहा कि कान्ह नदी का पानी, शुद्धिकरण के बाद ही क्षिप्रा नदी में मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए आवश्यक प्लांट लगाया जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन को सशक्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनियमितता पर सख्त कार्यवाही करें।

बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मंडलोई ने जानकारी दी कि स्मार्ट सिटी मिशन 1.0, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा पीएम स्वनिधि योजना में मध्यप्रदेश देश में प्रथम रहा है। इसके साथ ही अमृत 1.0, स्वच्छ भारत मिशन 1.0 और डे-एनयूएलएम में प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।

मुख्यमंत्री ने विभाग की ऐसी योजनाएं जो आगामी तीन माह में लोकार्पण के लिए तैयार होंगी, उनकी जानकारी भी बैठक में दी गई।

मुख्यमंत्री के निर्देशों का सारांश

बिल्डिंग परमिशन और कम्पाउंडिंग के नियम-प्रक्रिया को सरल बनाएं।
शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी नगरीय निकायों से अनुमति प्राप्त करें।
टीडीआर व टीओडी के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई करें।
मांस-मछली के विक्रेताओं के लिए भवन बनाएं।
कान्ह नदी का पानी, शुद्धिकरण के बाद ही क्षिप्रा नदी में मिलाएं।
नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन को सशक्त करें।
वित्तीय अनियमितता पर सख्त कार्यवाही करें।





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