
27 दिसंबर 2023। राज्य के 43 जिलों में 1 जनवरी 2024 से सायबर तहसील लागू होगी। इस संबंध में राज्य के राजस्व विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कुल 55 जिले हैं। 27 मई 2022 को सबसे पहले दतिया एवं सीहोर दो जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सायबर तहसील लागू की गई थी तथा इसके बाद 6 अक्टूबर 2022 को इंदौर, हरदा, डिण्डौरी एवं सागर चार जिलों में यह लागू की गई। तत्पश्चात 10 अगस्त 2023 को यह सायबर तहसील आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर छह जिलों में प्रभावशील की गई। इस प्रकार, डेढ़ साल में सायबर तहसील सिर्फ 12 जिलों में ही प्रभावशील थी। अब यह सायबर तहसील शेष 43 जिलों में भी 1 जनवरी से लागू की गई है। इस प्रकार, प्रदेश के सभी 55 जिलों में यह लागू हो जायेगी।
उल्लेखनीय है कि साइबर तहसील की व्यवस्था के अंतर्गत बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की व्यवस्था रहती है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वत: ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है। प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में यह लागू है और इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।