
जो लोग विधानसभा चुनाव हार गए हैं वे लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे
30 दिसंबर 2023। विधानसभा चुनाव हारे नेता लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। अपनी हार के बाद ऐसे कई नेता लोकसभा सीट चाहते हैं। सत्तारूढ़ दल के कई दिग्गज इस बार विधानसभा चुनाव हार गए हैं और वे आगामी आम चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
पार्टी नेतृत्व उनमें से कुछ को मैदान में उतरने का मौका दे सकता है। इमरती देवी, जो डबरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं और हार गईं, भिंड संसदीय क्षेत्र पर नजर गड़ाए हुए हैं, जहां से 2019 में भाजपा की संध्या सुमन राय सांसद बनीं।
वह सीट, जहां से इमरती देवी ने 2014 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, एससी उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। इसी तरह गोहद से चुनाव हार चुके लाल सिंह आर्य की नजर भी भिंड लोकसभा सीट पर है।
पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जो दतिया में चुनाव हार गए हैं, ग्वालियर या मुरैना लोकसभा क्षेत्र से भाजपा से टिकट के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना से विधानसभा चुनाव जीत गए हैं। तो, लोकसभा सीट खाली पड़ी है। सांसद विवेक शेजवलकर को ग्वालियर से टिकट मिलने की संभावना कम है।
मिश्रा को इन दोनों सीटों में से किसी एक सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार चुके आलोक शर्मा भोपाल संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। शर्मा 2019 में भोपाल से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर को टिकट दे दिया गया।
अब वह भोपाल से टिकट पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सांसद गणेश सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते क्रमशः सतना और मंडला में विधानसभा चुनाव हार गए हैं, लेकिन वे आम चुनाव के लिए इन क्षेत्रों से टिकट चाहते हैं।
पूर्व मंत्री कमल पटेल, जो हरदा में विधानसभा चुनाव हार गए थे, नर्मदापुरम संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए टिकट पाने की कोशिश कर रहे हैं, जो राव उदय प्रताप सिंह के राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री बनने के बाद खाली है।
इसी तरह, सीधी, दमोह और जबलपुर लोकसभा सीटें वहां के सांसदों के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हो गई हैं। इन सीटों पर कुछ नेताओं की नजर है।