नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और मानवीय मूल्यों की स्थापना पर केंद्रित है - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2129


हमारी सनातन संस्कृति गुरू और गुरूकुल दोनों की महिमा बताती है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वामी रामदेव को मध्यप्रदेश में गुरूकुल व आश्रम स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव हरिद्वार में पतंजलि गुरूकुलम् एवं आचार्यकुलम शिलान्यास समारोह में हुए शामिल

6 जनवरी 2024। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सभी युगों में हमारे देश में शिक्षा-दीक्षा को बहुत महत्व प्रदान किया गया। आज से 5 हजार साल पहले भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बाल रूप में कंस जैसी महाशक्ति का पराभव करने के बाद भी तत्कालीन समाज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा-दीक्षा होना चाहिए। परिणामस्वरूप श्रीकृष्ण उज्जैन स्थित आचार्य सांदीपिनी आश्रम पधारे। तत्कालीन शिक्षा व्यवस्था 14 विद्या, 64 कला से परिपूर्ण थी। प्रत्येक शिष्य का सर्वांगीण विकास और उनमें मानवीयता के उत्कृष्ट मापदंडों की पुनर्स्थापना करना इस व्यवस्था का उद्देश्य था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में क्रियान्वित हो रही नई शिक्षा नीति भी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और मानवीय मूल्यों की स्थापना पर केन्द्रित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव हरिद्वार में पतंजलि गुरूकुलम् एवं आचार्यकुलम् के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मध्यप्रदेश भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के रूप में भी जाना जाता है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति गुरू और गुरूकुल दोनों की महिमा बताती है। त्रेता युग में भगवान श्रीराम और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गुरूकुल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। हमारा यह सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के रूप में भी जाना जाता है। योगगुरू स्वामी रामदेव ने हरिद्वार में पतंजलि गुरूकुलम् एवं आचार्यकुलम् की स्थापना से इस पुण्य धरा को शिक्षा से जोड़ने का पुनीत कार्य किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने योगगुरु स्वामी रामदेव को इस प्रकल्प के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उज्जैन या प्रदेश के अन्य किसी उपयुक्त स्थल पर गुरूकुल व आश्रम स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।

21वीं शताब्दी भारत के उत्कर्ष की शताब्दी है

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि 21वीं शताब्दी भारत के उत्कर्ष की शताब्दी होगी और उत्कर्ष के यह लक्षण दिखाई देने लगे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का यश सम्पूर्ण विश्व में स्थापित हुआ है। योग गुरू स्वामी रामदेव जी महाराज ने भारतीय संस्कृति की महत्ता को विश्व में स्थापित करते हुए भारतीय दर्शन व चिंतन में विश्वास की पुनर्स्थापना की है। स्वामी दयानंद जी ने 200 साल पहले जो अलख जगाया और स्वामी दर्शनानंद जी महाराज ने गुरूकुलों के माध्यम से जिन मूल्यों और विचारों का प्रसार किया, उन सबको नई शिक्षा नीति में सम्मिलित किया गया है। भगवान श्रीराम व भगवान श्रीकृष्ण के अलग-अलग दृष्टांतों को जोड़कर नई पीढ़ी को उनसे परिचित कराने, देश की संस्कृति को जोड़ने तथा आने वाली पीढ़ियों को मानवता की स्थापना में हरसंभव योगदान देने के लिए प्रेरित करने का नई शिक्षा नीति के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है।

हरिद्वार में पतंजलि गुरूकुलम् एवं आचार्यकुलम् शिलान्यास समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी आदि उपस्थित थे।



Madhya Pradesh, प्रतिवाद समाचार, प्रतिवाद, MP News, Madhya Pradesh News, MP Breaking, Hindi Samachar, prativad.com

Related News

Global News