
27 जनवरी 2024: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में नर्मदा घाटी विकास, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, खनिज साधन, जनसंपर्क, वाणिज्यिक और आबकारी विभाग की गतिविधियों पर चर्चा की। विभागों द्वारा प्रजेंटेशन दिए गए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे स्थानों पर उद्योग स्थापना की ठोस पहल की जाए, जहां उद्योग कम हैं। उन्होंने धार, झाबुआ जैसे जनजातीय बहुल क्षेत्रों एवं सागर, जबलपुर जैसे नगरीय क्षेत्रों में उद्योग संवर्धन संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, खनिज विभाग, और ग्रामोद्योग विभाग संयुक्त रूप से ऐसी इकाइयों की स्थापना के लिए मिलकर कार्य करें, जो इन विभागों के सहयोग से आसानी से संचालित हो सकती हैं। अंतर्विभागीय समन्वय से कचरा प्रबंधन एवं गोबर के उपयोग के लिए संयंत्र स्थापित करने के कार्य किए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अवैध उत्खनन और परिवहन के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएं। इसके लिए संभागीय टास्क फोर्स का उपयोग किया जाए। खनिजों से राजस्व प्राप्ति के संबंध में विभाग द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आबकारी विभाग की समीक्षा करते हुए विभाग से अर्जित आय एवं वर्तमान में लागू व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समक्ष प्रजेंटेशन भी दिया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशों का सार:
नर्मदा घाटी विकास विभाग: जल उपयोग के मामले में श्रेष्ठ परिणाम लाने वाले राज्यों विशेषकर गुजरात में हुए कार्यों का अध्ययन किया जाए। सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराने की समय-सारणी निर्धारित की जाए। नर्मदा नदी के बड़े घाटों और नर्मदा नदी के तट पर स्थित प्रमुख धार्मिक महत्व के स्थानों पर नदी में आवश्यक जल प्रवाह की व्यवस्था हो।
जनसंपर्क विभाग: प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे प्रचार कार्य के साथ ही विषय केन्द्रित और इवेंट आधारित गतिविधियों की रूपरेखा बनाई जाए। विभागीय प्रकाशन की व्यवस्था को और अधिक पुख्ता किया जाए। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में प्रोत्साहन और पुरस्कार योजना प्रारंभ की जाए।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग: धार, झाबुआ जैसे जनजातीय बहुल क्षेत्रों एवं सागर, जबलपुर जैसे नगरीय क्षेत्रों में उद्योग संवर्धन संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। कृषि, पशुपालन, खनिज आधारित औद्योगिक इकाइयों को प्रारंभ करने की संभावनाओं पर विमर्श किया जाए। बांस उत्पादन आधारित इकाइयों और टिंबर व्यवसाय को भी प्रोत्साहित किया जाए।
खनिज साधन विभाग: अवैध उत्खनन और परिवहन के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। खनिजों से राजस्व प्राप्ति के संबंध में विभाग द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाए।
आबकारी विभाग: विभाग से अर्जित आय एवं वर्तमान में लागू व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की।