1 फरवरी 2024। मध्य प्रदेश में अब रेत का अवैध खनन करने वालों की खैर नहीं है। सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अवैध उत्खनन पर रोक लगाएगी।
चंबल संभाग के जिले भिंड में शासन?प्रशासन को चैलेंज देते हुए बाकायदा पूजन कर रेत का अवैध खनन शुरू किया गया। यहां इंदुर्खी खदान पर सिंध नदी से अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही है। यह इलाका रौन थाना क्षेत्र में आता है। स्थानीय लोगों ने वीडियो के साथ कलेक्टर ऑफिस में शिकायत की है। माफिया और गुर्गे बंदूकों के साथ खदान पर नजर आए। लोगों का कहना है कि जानकारी प्रशासन को है, लेकिन एक्शन नहीं लिया जा रहा है। वहीं भिंड कलेक्टर से बातचीत कि तो उनका कहना है की कारवाई की जा रही है। रेत का अवैध परिवहन कर रही ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ने पहुंची मछंड चौकी पुलिस टीम पर रेत माफिया ने हमला कर दिया। चौकी प्रभारी SI कमलकांत दुबे के सिर में चोट आई है।
सुशासन की सरकार में खनन माफियाओं की खैर नहीं!
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) January 31, 2024
भाजपा सरकार में AI तकनीक से मध्य प्रदेश में अवैध खनन पर लगाम लगाई जाएगी। pic.twitter.com/G5LXSoG9rQ
भिंड जिले के इंदुर्खी गांव में निकली सिंध नदी की रेत बिल्डिंग निर्माण के लिए अच्छी मानी जाती है। इस रेत खदान का पिछले दो साल से टेंडर नहीं हुआ है, लेकिन खदान बंद नहीं हुई। चोरी-छिपे माफिया यहां से रेत निकालकर बेचते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। भिंड जिले में सिंध नदी पर करीब 72 रेत खदानें हैं, इन खदानों के टेंडर किया जाना है। खनिज विभाग की ओर से निविदा भी बुलाई गई है, लेकिन अब तक किसी भी कंपनी के टेंडर ओपन नहीं हुए।