
2 फरवरी 2024। ड्रैगन फ्रूट, जो पहले केवल अमेरिका और मेक्सिको में ही पाया जाता था, अब मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भी उगाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने फार्म हाउस में इस फल की खेती शुरू की है और यह फल छिंदवाड़ा की जलवायु के अनुकूल भी साबित हो रहा है।
किसानों के लिए खुशखबरी:
यह महंगा विदेशी फल अब आपके खेत में भी उगाया जा सकता है। 2017 में, युवा किसान अभिषेक गेडाम ने छिंदवाड़ा के नकझिर गांव में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी। उन्होंने थाईलैंड से पौधे लाकर लगाए थे। अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी अपने फार्म हाउस में इस फल की खेती कर रहे हैं और विदेशों में भी निर्यात कर रहे हैं।
कम खर्च, ज्यादा मुनाफा:
ड्रैगन फ्रूट की खेती में ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती है और हल्की मिट्टी में भी इसे उगाया जा सकता है। एक फल 100 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में बिकता है। यह 20 साल तक फायदा देती है।
कैसे होती है खेती:
ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने के लिए सीमेंट के पोल लगाए जाते हैं। ड्रिप सिंचाई का उपयोग किया जाता है। 2 साल बाद फल आने लगते हैं। फल जून माह में आते हैं।
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद:
ड्रैगन फ्रूट एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर होता है। यह एलर्जी, जलन, मुंहासे, चेहरे की चमक और चेहरे के काले धब्बों को कम करने में मदद करता है।
सरकार का सहयोग:
सरकार ड्रैगन फ्रूट सहित विदेशी और विशिष्ट क्षेत्र के फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार कर रही है। कृषि मंत्रालय ने कमलम फल के उत्पादन, कटाई के बाद खेती और मूल्यवर्धन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) को स्वीकृति दे दी है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प है। यह कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देता है और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। सरकार की ओर से भी इस फल की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।