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मंत्रि-परिषद के निर्णय: पीएम ई-बस योजनांतर्गत 6 नगरीय निकायों के लिये 552 ई-बस

Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 896

27 फरवरी 2024। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद ने मन्दसौर, राजगढ़, सीधी, सिवनी और बालाघाट, जिले की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिये 10,373 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी। मंत्रि-परिषद ने मंदसौर जिले में 60 करोड़ 3 लाख रूपये लागत की ताखाजी सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 3550.53 हेक्टेयर) की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी। इसी प्रकार राजगढ़ जिले की मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना लागत 4666 करोड़ 66 लाख रूपये, (सैंच्य क्षेत्र 1,51,495 हेक्टेयर) की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के मुख्य निर्णय:
सिंचाई परियोजनाएं:

मंदसौर, राजगढ़, सीधी, सिवनी और बालाघाट जिलों में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिए 10,373 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गई।
मंदसौर जिले में ताखाजी सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना (60 करोड़ 3 लाख रुपये) और राजगढ़ जिले में मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना (4666 करोड़ 66 लाख रुपये) को मंजूरी दी गई।
सीधी जिले में सीतापुर हनुमना माइक्रो सिंचाई परियोजना (4167 करोड़ 93 लाख रुपये) को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
सिवनी और बालाघाट जिले की संजय सरोवर परियोजना (अपर वैनगंगा) के नहरों की विस्तारीकरण, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (ई.आर.एम.) के कार्य के लिए 332 करोड़ 54 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई।
बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत बहुती नहर को भारत सरकार की MCAD योजना के तहत 1146 करोड़ 34 लाख रुपये की लागत से माइक्रो सिंचाई परियोजना में परिवर्तित करने की सैद्धांतिक अनुमति दी गई।

हवाई सेवा:
राज्य के विभिन्न शहरों में वायुसेवा संचालन के लिए निजी ऑपरेटरों के साथ PPP मॉडल के तहत काम करने की अनुमति दी गई।

ई-बस:
पीएम ई-बस योजना के तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में 552 शहरी ई-बसों का संचालन किया जाएगा।

शहरी अधोसंरचना:
मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना की लागत 800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1100 करोड़ रुपये कर दी गई है।

मध्यप्रदेश एलाईड एण्ड हेल्थ केयर काउंसिल:

नेशनल कमीशन फॉर एलाईड एण्ड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के तहत मध्यप्रदेश एलाईड एण्ड हेल्थ केयर काउंसिल का गठन किया गया है।

अन्य:
स्टार्टअप और इन्क्यूबेशन से संबंधित कार्यों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत लाया गया है।
मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के शिक्षकों और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2006 से छठे वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।

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