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प्रदेश के 9 जिलों के आयुष्मान आरोग्य मंदिर को मिला एनएबीएच एक्रेडिटेशन

Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1222

प्रदेश की आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से मान्यता मिलना महत्वपूर्ण उपलब्धि : आयुष मंत्री परमार

7 मार्च 2024। उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने प्रदेश को राष्ट्रीय आयुष मिशन अंतर्गत महत्वपूर्ण उपलब्धि मिलने पर आयुष विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं हैं। आयुष मंत्री परमार ने कहा कि प्रदेश के बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, भोपाल, इंदौर, सीहोर, विदिशा, झाबुआ एवं बड़वानी समेत 9 जिलों के आयुष्मान आरोग्य मंदिर को NABH (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स) द्वारा एक्रेडिटेशन प्राप्त होना अत्यंत गौरव का विषय है। यह आयुष स्वास्थ्य सेवाओं में सतत् किए जा रहे प्रतिबद्ध क्रियान्वयन का प्रतिफल है।

भारत सरकार, आयुष मंत्रालय की राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना अंतर्गत मप्र आयुष विभाग द्वारा संचालित बड़वानी जिले के चीचली, सीहोर जिले के सेमली जदीद, खरगोन जिले के मोहम्मदपुर, भोपाल जिले के ललारिया, इंदौर जिले के कराड़िया, झाबुआ जिले के कुंदनपुर, विदिशा जिले के पिकलोन, बुरहानपुर जिले के अंबाडा एवं खंडवा जिले के बलवाड़ा स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनएबीएच (NABH) एक्रेडिटेशन प्राप्त हुआ है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर) को NABH (राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) से प्रथम चरण में प्रदेश के 09 जिलों में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर को पहली बार मान्यता प्रदान की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में पंचकर्म की सुविधा प्रदान की जा रही है, जो पूर्व में बड़े शहरों तक ही सीमित थी।

एनएबीएच, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) का एक घटक बोर्ड है, जिसे वर्ष 2005 में स्थापित किया गया है। यह संगठन विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए विस्तृत स्वास्थ्य देखभाल मानक तैयार करता है। एनएबीएच, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को विभिन्न मापदंडों और पहलुओं पर आधारित विविध मानक तत्वों के अनुपालन करने के लिए प्रत्यायन (एक्रेडिटेशन) प्रदान करता है। एनएबीएच के अंतर्गत आयुष अस्पताल प्रत्यायन कार्यक्रम वर्ष 2009 में आरंभ हुआ है।


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