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बधिर समुदाय की पहुंच संबंधी चुनौतियां: एक सतत संघर्ष

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Location: Bhopal                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 956

Bhopal: 14 सितंबर 2024 को आयोजित लोक अदालत में एक व्याख्यान के दौरान, डिफ कैन फाउंडेशन की जनरल सेक्रेटरी, प्रीति सोनी ने बधिर और श्रवण बाधित समुदाय के सामने आने वाली गंभीर पहुंच संबंधी चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

बुनियादी सेवाओं तक पहुंच में बाधाएं:
सोनी ने बताया कि बधिर व्यक्तियों को कई बुनियादी सेवाओं तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से कुछ प्रमुख मुद्दे हैं:
ड्राइविंग लाइसेंस: बधिर व्यक्ति सक्षम चालक होने के बावजूद, उन्हें अक्सर उनकी श्रवण बाधा के कारण ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाता है।
अस्पताल में देखभाल: एम्स जैसे प्रमुख अस्पतालों में भी बधिर मरीजों के लिए सांकेतिक भाषा दुभाषियों की कमी है, जिससे उन्हें डॉक्टरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में मुश्किल होती है और उन्हें अनावश्यक जोखिम उठाना पड़ता है।
पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज करना: बधिर व्यक्ति पुलिस स्टेशनों में भी सांकेतिक भाषा दुभाषियों की अनुपस्थिति के कारण अपनी शिकायतें दर्ज करने में असमर्थ होते हैं।
अदालती कार्यवाही: अदालतों में सांकेतिक भाषा दुभाषियों की कमी के कारण बधिर व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया में प्रभावी ढंग से भाग लेने में असमर्थ होते हैं।

कानून का उल्लंघन:
सोनी ने जोर देकर कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों और अदालतों में सांकेतिक भाषा दुभाषियों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। लेकिन जमीनी स्तर पर यह कानून लागू नहीं हो रहा है।

समाधान के लिए प्रयास
सोनी ने SignAble जैसी सेवाओं के साथ साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया, जो मांग पर भारतीय सांकेतिक भाषा दुभाषियों की सुविधा प्रदान करती हैं। उन्होंने सभी न्यायाधीशों और न्यायपालिका के सदस्यों से बधिर समुदाय को समर्थन देने की अपील की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवश्यक सेवाएं सांकेतिक भाषा दुभाषियों से सुसज्जित हों।

बधिर समुदाय को बुनियादी सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना एक मौलिक अधिकार है। सरकार और न्यायपालिका को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।

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