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भोपाल में पकड़े गए 45% साइबर अपराधी ग्रेजुएट; साइबर धोखाधड़ी में उछाल

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 6371

27 सितंबर 2024। भोपाल में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। शहर की साइबर सेल द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों से पता चला है कि पकड़े गए 45% साइबर अपराधी अच्छी तरह शिक्षित हैं। इनमें से अधिकांश अपराधी ग्रेजुएट हैं, जो आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को ठगने में माहिर हैं।

धोखाधड़ी में वृद्धि, वसूली में गिरावट
2022 में भोपाल के लोगों से 17.15 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई। पुलिस ने इस ठगी की राशि में से मात्र 48.9 लाख रुपए फ्रीज कर पाई और 1.25 करोड़ रुपए पीड़ितों को वापस किए गए। यह आंकड़ा ही दर्शाता है कि साइबर अपराध की जटिलता और उसे रोकने में आ रही चुनौतियां किस हद तक बढ़ गई हैं।

2023 में यह साइबर धोखाधड़ी और भी बढ़कर 24.35 करोड़ रुपए तक पहुंच गई, लेकिन फ्रीज की गई रकम केवल 45.65 लाख रुपए थी और पीड़ितों को लौटाई गई राशि 49.17 लाख रुपए थी, जो पिछले साल की तुलना में लगभग आधी थी। 2024 में अब तक के आठ महीनों में 26.46 लाख रुपए की ठगी हो चुकी है, जिसमें से 25.72 लाख रुपए फ्रीज किए गए हैं और 30.13 लाख रुपए वापस किए गए हैं।

साइबर अपराध के बदलते ट्रेंड
साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, खासकर आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में। तकनीकी रूप से कुशल अपराधी आम लोगों को फंसाने के लिए फिशिंग, व्हाट्सएप फ्रॉड, क्यूआर कोड स्कैम और नकली वेबसाइटों का सहारा ले रहे हैं। कई मामलों में ठग खुद को सरकारी एजेंसियों, बैंकों, या ऑनलाइन सेवाओं के प्रतिनिधि बताकर लोगों को ठगते हैं।

साइबर पुलिस का मानना है कि साइबर ठगी की गई राशि को वापस लाने में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोग समय पर शिकायत दर्ज नहीं कराते। साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि अगर ठगी की रिपोर्ट समय पर दर्ज कराई जाए तो रकम को फ्रीज करना और वापस लाना ज्यादा आसान हो जाता है। रिपोर्ट दर्ज कराने में देरी होने पर अपराधी ठगी गई राशि को कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते हैं, जिससे उसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।

एडवाइजरी और जागरूकता की जरूरत
भोपाल साइबर सेल के एसीपी सुजीत तिवारी ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है। साइबर सेल द्वारा समय-समय पर आम लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है, जिसमें उन्हें बताया जाता है कि ठगी का शिकार होने पर आधे घंटे के भीतर पुलिस को सूचित करें। इस त्वरित प्रतिक्रिया से पुलिस के लिए ठगी गई राशि को फ्रीज करना और उसे वापस लाना आसान हो जाता है।

साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार और संदिग्ध लिंक, कॉल्स या मैसेज से बचने के अलावा, लोगों को मजबूत पासवर्ड और दो-स्तरीय प्रमाणीकरण जैसे सुरक्षा उपायों का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

साइबर अपराधियों की यह नई पीढ़ी तकनीकी रूप से सक्षम और अत्यधिक चालाक है। ऐसे में भोपालवासियों को सतर्कता और जागरूकता के साथ ही डिजिटल दुनिया में कदम बढ़ाने की जरूरत है ताकि वे इस आधुनिक अपराध से खुद को बचा सकें।

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