
23 फरवरी 2025। मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 (GIS 2025) के लिए एक महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार राज्य 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने की योजना बना रहा है, जो पिछली समिट के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है। यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने का कार्य करेगी, बल्कि निवेशकों को भी अपार संभावनाओं का लाभ उठाने का अवसर देगी।
समिट का महत्त्व
GIS 2025 केवल एक निवेश सम्मेलन नहीं है, बल्कि यह मध्य प्रदेश को एक वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह आयोजन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए एक प्रमुख मंच होगा, जहां वे राज्य में निवेश के अवसरों को समझ सकेंगे। इस समिट के माध्यम से सरकार नई औद्योगिक परियोजनाओं को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को मजबूती देने की दिशा में कार्य कर रही है।
निवेश के प्रमुख क्षेत्र
राज्य सरकार ने कई क्षेत्रों की पहचान की है, जहां निवेश को आकर्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
नवीकरणीय ऊर्जा:
सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अपार संभावनाएं।
राज्य में ग्रीन एनर्जी हब बनाने की योजना।
6,09,478 करोड़ रुपये का निवेश घोषित।
अवसंरचना:
सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास पर जोर।
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को बढ़ावा।
2,80,753 करोड़ रुपये का निवेश घोषित।
पर्यटन:
मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को बढ़ावा देने की रणनीति।
इको-टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए निवेश आकर्षित करने की योजना।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण:
मध्य प्रदेश को देश का 'फूड प्रोसेसिंग हब' बनाने की योजना।
निर्यात केंद्रित कृषि उत्पादों के विकास पर बल।
1,06,149 करोड़ रुपये का निवेश घोषित।
सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स:
राज्य में आईटी हब और डेटा सेंटर स्थापित करने की पहल।
स्टार्टअप और फिनटेक क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने की रणनीति।
78,778 करोड़ रुपये का निवेश घोषित।
अन्य प्रमुख क्षेत्र:
रसायन व पेट्रोलियम: 76,769 करोड़ रुपये।
सेवा क्षेत्र: 71,351 करोड़ रुपये।
ऑटोमोबाइल व ईवी: 42,254 करोड़ रुपये।
औषधि और स्वास्थ्य सेवा: 17,991 करोड़ रुपये।
लॉजिस्टिक्स व वेयरहाउसिंग: 17,916 करोड़ रुपये।
टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट: 16,914 करोड़ रुपये।
अन्य सेक्टर: 1,25,855 करोड़ रुपये।
पिछली समिट में निवेश प्रस्ताव
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पिछले वर्षों में निम्नलिखित निवेश प्रस्ताव आए:
2007: 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये
2010: 2 लाख 35 हजार करोड़ रुपये
2012: 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपये
2014: 4 लाख 35 हजार करोड़ रुपये
2016: 5 लाख 63 हजार करोड़ रुपये
2019: 74 हजार करोड़ रुपये
2023: 15 लाख 42 हजार 514 करोड़ रुपये
सरकार के प्रयास और रणनीति
GIS 2025 को सफल बनाने के लिए सरकार ने व्यापक रणनीति तैयार की है:
निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियां: टैक्स में छूट, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और तेज़ी से स्वीकृति प्रक्रियाएं लागू की गई हैं।
बुनियादी ढांचे में सुधार: नए औद्योगिक गलियारों (इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स) का निर्माण और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट पर विशेष ध्यान।
देश-विदेश में रोड शो: अमेरिका, यूरोप, खाड़ी देशों और एशियाई बाजारों में निवेशकों से जुड़ने के लिए उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं।
स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन: एमएसएमई (MSME) और स्टार्टअप्स को विशेष आर्थिक पैकेज देने की योजना।
समिट की उम्मीदें और संभावनाएं
इस समिट में दुनिया भर के प्रमुख उद्योगपति, नीति निर्माता और कॉर्पोरेट लीडर भाग लेंगे। सरकार को उम्मीद है कि GIS 2025 के दौरान कई बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं के लिए एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर होंगे। इससे राज्य में रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे और मध्य प्रदेश आर्थिक वृद्धि के नए युग में प्रवेश करेगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 मध्य प्रदेश की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। सरकार की मजबूत नीतियों, निवेशकों की रुचि और आर्थिक सुधारों की बदौलत राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का यह सुनहरा अवसर है। यदि यह समिट सफल रहती है, तो मध्य प्रदेश अगले दशक में देश का सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बन सकता है।