
23 फरवरी 2025। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो (आईटीसीएक्स 2025) में मध्य प्रदेश के मंदसौर स्थित प्राचीन पशुपतिनाथ मंदिर को राष्ट्रीय पहचान मिली। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश भर के शीर्ष नेता और मंदिर प्रबंधक शामिल हुए।
अष्टमुखी शिव मूर्ति ने खींचा सबका ध्यान
पशुपतिनाथ मंदिर की एक ही पत्थर से बनी अष्टमुखी शिव मूर्ति ने सम्मेलन के विशेष प्रकाशन में शामिल 25 प्रतिष्ठित मंदिरों में अपनी जगह बनाई। इस मूर्ति की अद्वितीय नक्काशी ने उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सम्मेलन में शीर्ष नेताओं ने की शिरकत
17 से 19 फरवरी तक चले इस सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत जैसे शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने लिखित संदेश के माध्यम से सम्मेलन का समर्थन किया।
मंदिर प्रबंधन को आधुनिक बनाने पर जोर
मंदिर कनेक्ट और संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य मंदिर प्रबंधन को आधुनिक बनाना और मंदिरों के बीच एक मजबूत नेटवर्क स्थापित करना था। सम्मेलन में भक्त सेवाओं को बेहतर बनाने और नवीन प्रथाओं को साझा करने पर जोर दिया गया।
मंदसौर मंदिर का प्रतिनिधित्व
मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर का प्रतिनिधित्व प्रबंधक राहुल रनवाल और राजस्व अधिकारी तहसीलदार विनोद शर्मा ने किया। उन्होंने मंदिर के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
जिला कलेक्टर ने जताई खुशी
जिला कलेक्टर और मंदिर समिति की अध्यक्ष अदिति गर्ग ने इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया के माध्यम से खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह मंदसौर के प्राचीन पशुपतिनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंदिर को मिली वैश्विक पहचान
सम्मेलन की स्मारिका में पशुपतिनाथ मंदिर का चयन भारत के धार्मिक स्थलों में इसके बढ़ते महत्व को दर्शाता है। मंदिर के अधिकारियों ने इस सम्मेलन से प्राचीन परंपराओं को संरक्षित करते हुए आधुनिक प्रबंधन तकनीकों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की।