नई फिल्म पर्यटन नीति से सिनेमा और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 612

जीआईएस-भोपाल से फिल्म निर्माण एवं पर्यटन उद्योग के गोल्डन ग्लोबल गेट की हुई ओपनिंग

2 मार्च 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश लंबे समय से फिल्म निर्माताओं के लिए कल्पनालोक बना रहा है। राज्य सरकार की नई फिल्म एवं पर्यटन नीति-2025 ने यहां शूटिंग को व्यापारिक दृष्टिकोण से भी आकर्षक बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस नीति से प्रदेश की छवि बड़े पर्दे पर और भी प्रभावशाली बनकर वैश्विक पटल पर उभरेगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन को भी नई ऊंचाइंया मिलेंगीं। मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा कि जीआईएस भोपाल से फिल्म निर्माण एवं पर्यटन उद्योग के गोल्डन ग्लोबल गेट की ओपनिंग हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीआईएस-भोपाल का शुभारंभ करते हुए हमें बताया कि भारत के विकास में टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल और टूरिज्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वर्ष 2047 तक भारत की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 10 प्रतिशत से अधिक होगा।

जीआईएस-भोपाल में नई नीति बनी करोड़ों के निवेश का आधार
जीआईएस-भोपाल में पर्यटन विभाग ने राज्य सरकार की नई फिल्म एवं पर्यटन नीति पर प्रेजेंटेशन से फिल्म निर्माता और पर्यटन उद्योग के पुरोधा अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने माना कि इससे प्रदेश में और अधिक अनुकूल वातावरण बनेगा, साथ ही इस क्षेत्र में दीर्घकालिक निवेश होंगे। जीआईएस-भोपाल से पर्यटन, फिल्म-पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में 68,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इससे पर्यटन क्षेत्र में 1.2 लाख नए रोजगार सृजित होंगे।

नई नीति में फिल्म निर्माताओं को वित्तीय प्रोत्साहन
नई फिल्म-पर्यटन नीति में फिल्मों और वेब-सीरीज के निर्माण के लिए अनुदान राशि बढ़ाई गई है। नई नीति में फीचर फिल्म निर्माण के लिये 5 करोड़ रुपये, वेब सीरीज निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये, टीवी सीरियल निर्माण के लिए 1.5 करोड़ रुपये, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण के लिए 50 लाख रुपये, अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के निर्माण पर, 12 करोड़ रुपये और शॉर्ट फिल्म निर्माण पर 20 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। योजना में लाभ प्राप्ति के लिये फिल्म निर्माण की 75 प्रतिशत शूटिंग मध्यप्रदेश में करना होगा। नई नीति में प्रदेश में सिनेमाघरों के नवीनीकरण के लिए निवेश जुटाने पर भी ध्यान दिया गया है। फिल्म शूटिंग संबंधी अनुमतियों के लिए एकल मंजूरी की व्यवस्था की गई है। इसे लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है।

स्थानीय भाषाओं और विषयों पर फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन
राज्य सरकार ने स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय भाषाओं-बोलियों में फिल्म बनाने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान देने का नई नीति में प्रावधान किया है। इसमें मालवी, बुंदेली, निमाड़ी, बघेली और भीली भाषाओं की फिल्मों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, महिला और बच्चों पर केंद्रित फिल्मों के निर्माण पर भी 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।

मध्यप्रदेश में फिल्म-शूटिंग बढ़ता क्रेज
वर्तमान में मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माता आगे आ रहे हैं। मध्यप्रदेश को वर्ष-2022 में ‘द मोस्ट फिल्म-फ्रैंडली’ राज्य का पुरस्कार मिल चुका है। अब तक 15 हिंदी फिल्मों, 2 तेलुगु फिल्मों और 6 वेब सीरीज को 30 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय अनुदान दिया जा चुका है। प्रमुख फिल्म और वेब सीरीज परियोजनाओं में स्त्री-1 एवं स्त्री-2, भूल-भुलैया-3, सुई-धागा, लापता लेडीज, द रेलवे मैन, पैडमैन, धड़क-2, स्त्री, पंचायत, कोटा फैक्ट्री, गुल्लक और सिटाडेल आदि शामिल हैं। प्रदेश में मौजूद प्राकृतिक सौंदर्य और अन्य संसाधनों से फिल्म-शूटिंग का क्रेज बढ़ रहा है।

मध्यप्रदेश में पर्यटन है ग्लोबल-अट्रेक्शन
मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन का अनुभव कराने के साथ साथ यहां पर्यावरण संरक्षण और सह अस्तित्व की अवधारणा पर कार्य किया जाता है। वन्य जीव बिना डर के गांव में विचरण करते हुए नजर आते है। श्योपुर में चीते आस-पास के गांव में तो बाघ भोपाल में शहरी इलाकों में विचरण करते हुए दिखते है। पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्यटन ऐसा सिर्फ मध्यप्रदेश में संभव है। मध्यप्रदेश चीता, बाघ, घड़ियाल, तेंदुआ के साथ वल्चर स्टेट भी है। टाइगर रिजर्व की संख्या में भी वृद्धि हो रही हैं। प्रदेश में डायवर्सिफाइड टूरिज्म रिसोर्सेज के कारण मध्यप्रदेश को देश के साथ ही विश्व की टॉप टूरिज्म डेस्टिनेशन माना जा रहा है।

नई नीति से पर्यटक स्थलों में होंगे विश्वस्तरीय अधोसंरचनात्मक विकास
मध्यप्रदेश में खजुराहो, कान्हा, सांची, ओरछा, ग्वालियर, बांधवगढ़, पंचमढ़ी, अमरकंटक, उज्जैन और ओंकारेश्वर जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। पर्यटन विकास को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन नीति-2025 में विश्वस्तरीय अधोसंरचना के विकास की योजना बनाई है, जिसमें गोल्फ कोर्स, क्रूज टूरिज्म, वेलनेस रिसॉर्ट, रोपवे, म्यूजियम और लाइट एंड साउंड शो शामिल हैं।

पर्यटन में निवेश के मिले आकर्षक प्रस्ताव
राज्य सरकार को पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनमें अमेज़न प्राइम, जी-5, आईएचएसओएल, ट्रेजर ग्रुप, आईटीसी होटल्स, हिल्टन समूह आदि के 300 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं। आकर्षक निवेश से निसंदेह मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। इमेजिका वर्ल्ड एंटरटेनमेंट लिमिटेड ने इंदौर में वॉटर पार्क के लिए 200 क़रोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। नीमराना समूह ने चंदेरी के राजा-रानी महल को विकसित करने के लिए 20 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इवॉल्व बैक रिसॉर्ट्स ने पन्ना टाइगर नेशनल पार्क के पास नए वेलनेस रिसोर्ट के लिए 150 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इंडिगो ने ग्वालियर किले में पर्यटन सुविधाओं में विस्तार का प्रस्ताव दिया। जीआईएस-भोपाल में चंबल में ‘बागी म्यूज़ियम’ बनाने का सुझाव भी आया। बताया गया कि यह इंग्लैंड के रॉबिन हुड म्यूज़ियम की तरह विकसित किया जा सकता है। यहाँ चंबल-बैंडिट्स के हथियारों को प्रदर्शित किया जाए, जिससे यह एक अनूठा पर्यटन आकर्षण बने।

जीआईएस-भोपाल से बढ़ेगा क्रूज पर्यटन
अयोध्या क्रूज़ लाइन्स ने 70 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव मध्यप्रदेश में क्रूज पर्यटन परियोजनाओं के लिए दिया है। नॉलेज माइनिंग एंड इंजीनरिंग वर्क्स लिमिटेड ने भी क्रूज पर्यटन परियोजनाओं के साथ ही हाउस बोट और वाटर-स्पोर्ट्स के लिए 100 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। अल्केमी क्रूज़ लाइंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नर्मदा नदी पर धार जिले के कुक्षी (मध्यप्रदेश) से गुजरात स्थित स्टेचू-ऑफ-यूनिटी तक क्रूज संचालन की योजना बना रही है।

जीआईएस-भोपाल से बढ़ेगा होटल पर्यटन उद्योग
जहांनुमा ग्रुप ऑफ होटल्स ने मांडू में नए प्रीमियम होटल की स्थापना के लिए 18 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया है। ट्रेज़र ग्रुप ने खंडवा में नजरपुरा आईलैण्ड में लग्जरी रिसॉर्ट, दतला पहाड़ खजुराहो के समीप मिनी गोल्फ कोर्ट एवं रिसोर्ट और सांची के पास गोल्फ कोर्ट एवं लग्जरी रिसॉर्ट 600 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दिये हैं। आईएचसीएल ने विभिन्न नेशनल पार्क, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, एवं पेंच में 5 नई इकाइयों की स्थापना के लिए 1960 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव दिये हैं। आईटीसी होटल प्राइवेट लिमिटेड ने लुनेरा कासेल, धार और भोपाल में आईटीसी हेरिटेज होटल के विकास के लिए 250 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। एमआरएस ग्रुप ने महेंद्र भवन पन्ना, क्योटी किला रीवा, एवं सिंहपुर महल, चंदेरी में लग्जरी बुटीक के लिये 200 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। ओबेरॉय होटेल समूह ने राजगढ़ पैलेस, खजुराहो में नई इकाई के लिए 450 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। हिल्टन समूह जबलपुर एवं भोपाल में 254 कमरों की 2 इकाइयों की स्थापना के लिये 200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिया है।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बताया है कि प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचनाओं और सुविधाओं के विकास, कनेक्टिविटी बढ़ाने और पर्यटकों को अविस्मरणीय पर्यटन अनुभव प्रदान करने के सतत प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश की नई फिल्म एवं पर्यटन नीति-2025 राज्य को एक प्रमुख पर्यटन एवं फिल्म-निर्माण हब के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी। इससे प्रदेश में आर्थिक निवेश, रोजगार, पर्यटन और फिल्म निर्माण को एक नई दिशा मिलेगी। यह नीति राज्य के स्थानीय कलाकारों, भाषाओं और सांस्कृतिक धरोहरों को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगी।

Related News

Latest News

Global News