
4 फरवरी 2025 | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
✅ 'पोषण भी- पढ़ाई भी' प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 30.56 करोड़ रुपये स्वीकृत
मंत्रि-परिषद ने केंद्र प्रवर्तित सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत 'पोषण भी- पढ़ाई भी' प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन हेतु 30 करोड़ 56 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल्यावस्था के प्रथम 1000 दिनों में प्रारंभिक उद्दीपन, 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) को बढ़ावा देना तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता का खेल-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करना है। इसके तहत एक बाल विकास परियोजना अधिकारी और तीन पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा।
✅ गेहूं उपार्जन पर 2,600 रुपये प्रति क्विंटल दर तय
मंत्रि-परिषद ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 में किसानों को गेहूं उपार्जन पर दी जाने वाली बोनस राशि को 125 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 175 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया। अब किसानों को गेहूं का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के साथ 175 रुपये बोनस मिलाकर कुल 2,600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किया जाएगा। उपार्जन कार्य 15 मार्च से प्रारंभ होगा, जिसके तहत 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी पर 1,400 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।
✅ धान उपार्जन पर किसानों को 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि
खरीफ विपणन वर्ष 2024 में धान विक्रय करने वाले किसानों को राज्य सरकार द्वारा 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत 6.70 लाख किसानों को लाभ मिलेगा, जिनकी 12.20 लाख हेक्टेयर भूमि पर उपजाई गई धान के लिए सरकार 480 करोड़ रुपये व्यय करेगी।
✅ राजस्व भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन के लिए 138.41 करोड़ रुपये स्वीकृत
डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत प्रदेश में लंबित राजस्व भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन हेतु मंत्रि-परिषद ने 138 करोड़ 41 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की। यह कार्य मध्य प्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति (MPLRS) द्वारा खुली निविदा के माध्यम से संपन्न किया जाएगा।
✅ छिंदवाड़ा और नवगठित पांढुर्णा जिले के वनमंडलों का पुनर्गठन
मंत्रि-परिषद ने छिंदवाड़ा वन वृत्त के अंतर्गत तीन वनमंडलों (पूर्व, पश्चिम एवं दक्षिण छिंदवाड़ा) के पुनर्गठन का निर्णय लिया। इसके तहत दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल के 662.742 वर्ग किमी क्षेत्र को नवगठित पांढुर्णा वनमंडल में शामिल किया जाएगा, जबकि शेष 293.944 वर्ग किमी क्षेत्र पूर्व और पश्चिम छिंदवाड़ा वनमंडलों में समाहित होगा। इस पुनर्गठन के साथ दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल को समाप्त किया जाएगा एवं संबंधित पदों का पुनः आवंटन किया जाएगा।
ये निर्णय प्रदेश के विकास, किसानों के हित, डिजिटल प्रशासन और पर्यावरण प्रबंधन को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।