
10 मार्च 2025। भारत ने अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए रूस के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते के तहत, भारतीय सेना के टी-72 टैंकों के लिए 248 मिलियन डॉलर में नए इंजन खरीदे जाएंगे। यह सौदा न केवल भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि 'मेक इन इंडिया' पहल को भी बढ़ावा देगा। समझौते के अनुसार, रूस भारत को इन इंजनों को बनाने की तकनीक भी देगा, जिससे भारत अपने देश में ही इनका निर्माण कर सकेगा।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सौदा टी-72 टैंकों के लिए 1,000 हॉर्स पावर वाले इंजन की खरीद से संबंधित है। वर्तमान में, इन टैंकों में 780 हॉर्स पावर के इंजन लगे हुए हैं। नए इंजन लगने से टैंकों की गति और ताकत में वृद्धि होगी, जिससे युद्ध के मैदान में उनकी क्षमता बढ़ेगी। रूस की राज्य एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से यह तकनीक चेन्नई के अवाडी में स्थित भारत के बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड को हस्तांतरित की जाएगी। यह कदम भारत को रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
टी-72 टैंक भारतीय सेना के बख्तरबंद बेड़े का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। नए इंजन लगने से उनकी युद्धक क्षमता में सुधार होगा, जो देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। यह समझौता भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही रक्षा साझेदारी को दर्शाता है। रूस भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वाला एक प्रमुख देश है और दोनों देश मिलकर कई आधुनिक हथियार बना रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार है, और रूस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता रहा है। इस सौदे से दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिलेगी। हाल ही में, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी रूस का दौरा किया, जहां उन्होंने रूसी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।