12 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं, बजट में सरकार का बड़ा एलान

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 954

1 फरवरी 2025। 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब आयकर नहीं। जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब आयकर नहीं। जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब का एलान करते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्ग देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। हमने मध्यम वर्ग पर टैक्स कम किए हैं और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं।
4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत
8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत
12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत
16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत
20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत
24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत

स्लैब बदलने से नई कर व्यवस्था अपनाने वालों को इस तरह फायदा होगा
12 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 80 हजार रुपये का फायदा होगा।
18 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 70 हजार रुपये का फायदा होगा।
25 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 1.10 लाख रुपये का फायदा होगा।

बजट में वित्त मंत्री ने किसानों और एमएसएमई सेक्टर के लिए कई अहम एलान किए हैं। वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड बनाने का भी एलान किया है।

वरिष्ठ नागरिकों में टीडीएस में छूट
प्रत्यक्ष कर
नए आयकर विधेयक में न्याय की भावना को प्रमुखता दी जाएगी।

टीडीएस-टीसीएस का सरलीकरण
टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें एकरूपता लाई जा सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस में छूट की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जाएगा।


66 There will be no income tax payable up to an income of Rs 12 lakh.This limit will be Rs 12.75 lakh for salaried taxpayers, with standard deduction of Rs 75,000.<br />
The new structure will substantially reduce the taxes of the middle class, boosting consumption, savings and investment.

नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान लागू रहेंगे। अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल किया जा रहा है।
Budget 2025: 36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी छूट
36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी छूट देने का एलान किया गया है। 6 जीवनरक्षक दवाएं को 5 प्रतिशत अट्रैक्टिव कंसेशनल कस्टम ड्यूटी की लिस्ट में शामिल किया गया है। साथ ही 37 अन्य दवाओं और 13 मरीज सहायता कार्यक्रमों को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह से बाहर रखा गया है।

निर्यात बढ़ाने के लिए प्रावधान
निर्यात बढ़ाने के लिए भी बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। इसमें हैंडीक्राफ्ट निर्यात उत्पादों की समय सीमा को छह महीने से बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है। इसके बाद भी इसे तीन महीने के लिए और बढ़ाया जा सकेगा। वेट ब्लू लेदर में भी बीसीडी से छूट दी गई है। फ्रोजन फिश पेस्ट पर मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात पर लगने वाला बीसीडी (बेसिक कस्टम ड्यूटी) 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

Budget 2025: एमएसएमई सेक्टर में क्रेडिट कवर बढ़ाया जाएगा
MSME सेक्टर
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या एक करोड़ है और इनसे 5.7 करोड़ लोग जुड़े हैं। यह भारत को दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मददगार है। ये MSME 45 फीसदी निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं। MSME के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा। MSME वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। वर्गीकरण के लए टर्नओवर सीमा दो गुना की जाएगी

कस्टमाइज्ड क्रेडिट
सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी होंगे, जिनकी सीमा पांच लाख रुपये होगी। पहले वर्ष ऐसे 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।

टर्म लोन
पहली बार उद्यमी बनने वालों को दो करोड़ रुपये का टर्म लोन दिया जाएगा। इसके दायरे में पांच लाख महिलाएं और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के दायरे में आएंगे।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में किए ये एलान
- सब्जी, फल और पोषण
सब्जियों और फलों के लिए सरकार आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही राज्य सरकारों के साथ मिलकर योजनाएं बनाई जाएंगी।

- बिहार में मखाना बोर्ड
बिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें। मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा। इससे किसानों को पथ प्रदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। कपास उगाने वाले किसानों के लिए कपास मिशन की शुरुआत हो रही है। इससे कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 7.7 करोड़ किसानों को अल्पकालिक लोन की सुविधा मिलती है। यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए असम में यूरिया संयंत्र में उत्पादन शुरू किया गया है। इसमें 12.78 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाला संयंत्र स्थापित किया जाएगा। राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन का क्रियान्वयन किया जाएगा।
11:05 AM, 01-Feb-2025
Budget 2025: 'ये बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने की कोशिशों का हिस्सा है। बजट 2025-26 विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने के लिए, मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने के बिंदुओं पर आधारित है।

बजट में प्रस्तावित विकास उपाय, गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखते हुए 10 क्षेत्रों को कवर किया गया है। इनमें कृषि विकास और उत्पादकता को गति देना, ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण, समावेशी प्रगति के पथ पर सबको साथ लेकर चलने, भारत में विनिर्माण बढ़ाने और मेक इन इंडिया को आगे ले जाने, एमएसएमई को मदद देने, रोजगार और विकास को समर्थ बनाने, जनता-अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करने, ऊर्जा आपूर्तियां सुनिश्चित करने, निर्यात को बढ़ावा देने और नवाचार को पोषित करने पर फोकस किया जाएगा।

कृषि
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।



दलहन में आत्मनिर्भरता
इसके लिए खाद्य तेलों के उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा। सरकार छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी ताकि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी। इन एजेंसियों में पंजीकृत किसानों से ये दालें खरीदी जाएंगी।




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