कुना नेशनल पार्क में गामिनी और उसके शावकों को जंगल में छोड़ा, चीता संरक्षण परियोजना को मिला बढ़ावा

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 468

17 मार्च 2025। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कुना नेशनल पार्क (KNP) में दक्षिण अफ्रीकी चीता गामिनी और उसके चार शावकों को जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण के लिए छोड़ने की घोषणा की। यह कदम ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत एक ऐतिहासिक प्रयास का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत में 1952 में विलुप्त हो चुके चीतों को फिर से लाना और जैव विविधता को बढ़ावा देना है।

डॉ. यादव ने सोमवार सुबह खजुरी पर्यटन क्षेत्र में इस रिहाई की जानकारी देते हुए कहा, “आज वन संपदा और चीता परियोजना के लिए एक उल्लेखनीय दिन है। गामिनी और उसके दो नर व दो मादा शावकों को खुले जंगल में छोड़ा जा रहा है, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।” उन्होंने इस कदम से पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलने की बात कही, जो कुना नेशनल पार्क में वन्यजीव पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

प्रोजेक्ट चीता, जो 2022 में शुरू हुआ था, ने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को भारत लाकर इस प्रजाति को फिर से पुनर्स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। कुना नेशनल पार्क में वर्तमान में 26 चीते हैं, जिनमें गामिनी के मार्च 2024 में जन्मे छह शावकों में से चार शामिल हैं (दो शावक unfortunately नहीं बचे)। इस रिहाई के साथ, अब 17 चीते जंगल में स्वतंत्र रूप से विचर रहे हैं, जबकि नौ अभी भी बाड़ों में हैं।



संरक्षण विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना न केवल पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करेगी, बल्कि मध्य प्रदेश में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक अवसर भी पैदा करेगी। कुना नेशनल पार्क, जो पहले से ही अपनी समृद्ध वन्यजीव विरासत के लिए जाना जाता है, अब चीतों की उपस्थिति से और अधिक आकर्षक पर्यटन स्थल बनने की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह कदम मध्य प्रदेश को वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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