25 नवम्बर 2016, मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने निवेश संवध्र्दन के लिये बनाई अपने कानून के तहत बनाई नीतियों में उद्योगों को भूमि देने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की कई रियायतें देने का प्रावधान किया हुआ है। ये रियायतें उद्योग द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन शुरु करने के बाद दी जाती हैं। इस हेतु सामान्यत: पांच वर्ष निर्धारित है लेकिन अब सरकार इस अवधि को भी बढ़ा सकेगी।
इस संबंध में नियमों में नये उपबंध कर दिये गये हैं। मप्र निवेश संवध्र्दन अधिनियम 2008 के अंतर्गत मप्र निवेश संवध्र्दन संयुक्त आवेदन-पत्र तथा आवेदनों की प्रक्रिया के लिये समय सीमा नियम 2010 जारी किये गये थे। अब छह साल बाद इन नियमों में संशोधन किया गया है जिसके तहत निवेश संवध्र्दन हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति के किसी निर्णय से असंतुष्ट होने पर आवेदक उद्योग निवेश संवध्र्दन पर गठित केबिनेट कमेटी के समक्ष अपील प्रस्तुत की जा सकेगी तथा यदि इस केबिनेट कमेटी से भी अनुकूल निर्णय नहीं होता है तो आवेदक उद्योग पुन: इसी केबिनेट कमेटी के समक्ष पुनर्विलोकन अनुरोध कर सकेगा।
नियमों में इस केबिनेट कमेटी को यह भी अधिकार दिया गया है कि वह पुनर्विलोकन या समीक्षा करने वाले ऐसे अनुरोधों पर एक से अधिक बार पुन:विचार कर सकेगी तथा वाणिज्यिक उत्पादन के प्रारंभ की तारीख को बढ़ाने के संबंध में की गई अपील के लिये भी यही प्रावधान उपलब्ध होगा।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नियमों में निवेश संबंधी केबिनेट कमेटी के समक्ष एक ही बार अपील करने का प्रावधान था। निवेशक को और सुविधायें देने के लिये एक से अधिक बार अपील करने का नया प्रावधान कर दिया गया है।
- डॉ नवीन जोशी
उत्पादन शुरु करने उद्योगों को मिल सकेगी और मोहलत
Place:
भोपाल 👤By: DD Views: 17472
Related News
Latest News
- नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2024: भारत ने शीर्ष 50 में बनाई जगह
- इंडियन ऑयल ने मथुरा के ऐतिहासिक जल निकायों के जीर्णोद्धार के लिए ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
- मोहन सरकार का न्यू ईयर गिफ्ट: कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ डीए, सैलरी में बंपर इज़ाफा
- इंजीनियरिंग की अधिकता: भारत के रोजगार संकट की नई कहानी, अधिक इंजीनियर, कम नौकरियां
- भारत-रूस ने सैन्य अभ्यास और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जताई सहमति
- ‘कला के लिए कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती; आप बस इससे जुड़ते हैं’- फिल्मकार मधुर भंडारकर