1 दिसम्बर 2016। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के सहयोगी एवं जाने-माने लेखक, वक्ता व सामाजिक उद्यमी सृजन पाल सिंह शुक्रवार को भोपाल आ रहे हैं। वे अपने प्रवास के दौरान विश्लेषण एजूकेशन एण्ड सोशल वेलफेयर सोसायटी से देशव्यापी कलाम लायब्रेरी मिशन के तहत मध्यप्रदेश में कलाम लायब्रेरियां खोले जाने संबंधी औपचारिकताओं को अंजाम देंगे व एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे। इस मिशन के तहत पूरे मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में गरीब बच्चों के लिये निशुल्क लायब्रेरियां खोली जाएंगी तथा 3 लाख से अधिक बच्चों को इससे जोड़ा जायेगा।
लखनऊ में जन्मे व पले-बढ़े श्री सृजन पाल सिंह ने इन्स्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी लखनऊ से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तथा आईआईएम-अहमदाबाद से मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त की है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम आजाद के सहयोगी के बतौर उन्होंने व्हाट केन आय गिव मूवमेंट, एनर्जी इंडीपेंडेंस फॉर नेशन, न्यूक्लियर एण्ड स्पेस मिशन तथा प्रोवाइडिंग अर्बन अमेनिटीज टू रूरल इंडिया जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्री पाल की एक अन्य उपलब्धि डॉ. कलाम के सह लेखक होने की भी है। उन्होंने डॉ. कलाम के साथ तीन पुस्तकें- डेल्ही मेट्रो: एक्सीलेंस इन मैनेजमेंट, टारगेट 3 बिलियन, खुशहाल व समृद्ध विश्व लिखी हैं।
उनके द्वारा लिखी गई अन्य पुस्तकों में स्मार्ट एण्ड ह्यूमन बिल्ंिडग सिटीज ऑफ विजडम, अ परस्पेक्टिव ऑन फिशरीज सेक्टर इंटरवेंशन्स फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन, एजूकेशन इन द आस्ट्रेलिया-इंडिया रिलेशनशिप, असेसिंग इम्पैक्ट्स ऑफ बंधन्स माइक्रो क्रेडिट एण्ड रिलेटेड डेवलपमेंट इंटरवेंशन्स, रीइग्नाइटेड: साइंटिफिक पाथवेज टू अ ब्राइटर फ्यूचर तथा एडवांटेज इंडिया: फ्रॉम चैलेंज टू ऑपरच्यूनिटी हैं।
डॉ. कलाम के सहयोगी व जाने माने लेखक सृजन पाल सिंह भोपाल में
Place:
Bhopal 👤By: prativad Views: 17919
Related News
Latest News
- एक ऐसी संस्कृति जहां शादी के बाद भी महिलाएं को संबंध बनाने की होती हैं आजादी
- जियो ने जोड़े सबसे अधिक 'एक्टिव सब्सक्राइबर'- ट्राई
- ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया पर बच्चों की पहुंच रोकने के लिए विधेयक पेश किया
- अभिषेक बच्चन की 'आई वॉन्ट टू टॉक' ने मचाया तहलका!
- मनुष्य के मुकाबले ज्यादा बुद्धिमान एआई मशीनें, अनियंत्रित वृद्धि मानवता के लिए खतरा
- सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल