12 दिसम्बर 2016, कानूनी परेशानियों के चलते राज्य सरकार को जिला खनिज प्रतिष्ठानों को ट्रस्ट के रुप में गठित करने से हाथ खींचने पड़े हैं। अब ये प्रतिष्ठान ट्रस्ट नहीं हो सकेंगे।
दरअसल राज्य सरकार ने गत 28 जुलाई 2016 को केंद्र सरकार के खान एवं खनिज विकास और विनियमन कानून 1957 के तहत जिला खनिज प्रतिष्ठानों के गठन के नियम जारी किये थे। इन प्रतिष्ठानों के जरिये खनन क्षेत्रों के दुरुस्तीकरण एवं खनन से प्रभावितों के लिये विकासत्मक गतिविधियां एवं कार्यक्रम संचालित करना है। इस प्रतिष्ठान की निधि मुख्य खनिज पट्टों के पट्टेदारों द्वारा दी गई राशि, अन्य जिला प्रतिष्ठानों से अंतरित राशि तथा किसी व्यक्ति से उसकी स्वेच्छा से मिली राशि से बनने का प्रावधान है। इस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जिला प्रभारी मंत्री तथा उपाध्यक्ष जिला कलेक्टर बनाये गये हैं जबकि जिला पंचायत का सीईओ सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है एवं संबंधित जिले के लोकसभा सदस्य एवं विधायक सदस्य बनाये गये हैं। इस जिला प्रतिष्ठान में सरकार का कोई हस्तक्षेप न रहे इसके लिये नियमों में इसे पब्लिक ट्रस्ट के रुप में पंजीयत करने का प्रावधान किया था तथा ऐसे पब्लिक ट्रस्ट के मंडल में पदाधिकारियों व सदस्यों के लिये उनका पद लाभ का पद नहीं मानने का प्रावधान कर दिया गया था।
लेकिन इन प्रावधानों से कानूनी पेचिदगियां उत्पन्न हो गईं। इस पर अब चार माह बाद इन नियमों में परिवर्तन कर दिया गया है। अब यह जिला प्रतिष्ठान भारतीय ट्रस्ट कानून के तहत पंजीयत नहीं होगा बल्कि सिर्फ नियमों के तहत जिला प्रतिष्ठान कहलायेगा। इसके अलावा भारतीय ट्रस्ट कानून के तहत इस जिला प्रतिष्ठान को अलाभकारी किये जाने के स्थान पर यह प्रावधान कर दिया है कि यह जिला प्रतिष्ठान एक अलाभकारी निकाय होगा तथा इसका गठन शासन की अधिसूचना के माध्यम से होगा।
- डा .नवीन आनंद जोशी
प्रदेश के जिला खनिज प्रतिष्ठान अब ट्रस्ट नहीं होंगे
Place:
भोपाल 👤By: PDD Views: 18797
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