20 दिसम्बर 2016, महानगर कोआपरेटिव बैंक में पांच करोड़ रुपए के पुराने नोटों की काली कमाई सफेद किए जाने की सीबीआई को शिकायत की गई थी। सीबीआई से आयकर विभाग को यह जानकारी भेजी गई। इसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई। वासवानी परिवार ने महानगर कोआॅपरेटिव बैंक में खातेदारों के आधार कार्ड रख लिए थे। एक-एक आधार कार्ड पर पांच हजार रुपए तक पांच सौ और हजार रुपए के नोटों की काली कमाई सफेद की गई। इसमें आरएसएस और भाजपा से जुड़े कुछ रसूखदारों की काली कमाई भी सफेद किए जाने की शिकायत आयकर विभाग को मिली है। आयकर विभाग इस बैंक के दस्तावेजों को खंगाल रहा है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि किनके नाम से यह राशि जमा की गई। बाद में आयकर विभाग बैंक के इन ग्राहकों को बुलाकर उनसे भी पूछताछ करेगा और देखेगा कि जो धन उनके नाम से बैंक में जमा हुआ है वह उनका है या नहीं। यदि जमाकर्ताओं ने अस्वीकार किया तो आयकर विभाग इसे काली कमाई मानकर बैंक संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इस छापे में कई हवाला कारोबारी भी बेनकाब होंगे। वासवानी ने बैरागढ़ में जो महानगर कोआपरेटिव बैंक बनाया है उसमें आधा निर्माण अवैध है। इसी तरह उन्होंने एक चार मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया है उसका भी काफी हिस्सा अवैध रूप से बनाया गया है जिसकी एनओसी भी नहीं ली गई।
इनके निवास पर बनी बाउंड्री भी बारह फिट अवैध जमीन पर बनाई गई है। वासवानी के आरएसस और भाजपा नेताओं से संबंध और रसूख के चलते नगर निगम और प्रशासन इन पर कार्यवाही करने से पीछे हटता रहा है। इनके परिवार में सुरेश, नरेश, हरीश वासवानी, किरण वाधवानी, बेटे और बेटी के नाम से अलग-अलग कई प्रॉपर्टी है।
रचना नगर में सरकारी भूखंड वितरण में भी गोलमाल
वासवानी जब आवास संघ के अध्यक्ष रहे थे उस दौरान रचना नगर में आवास संघ द्वारा वितरित किए गए आवासीय भूखंडों के वितरण में भी जमकर गोलमाल किया गया। इसको लेकर भी लोकायुक्त में शिकायत की गई थी जिसकी लंबे समय तक जांच चली है। अभी भी यह मामला खत्म नहीं हुआ है।
साढू पमनानी के यहां भी छापा
वासवानी के एमपी नगर, लालघाटी और बैरागढ़ स्थित सुदर्शन पैलेस होटलों पर भी व्यापक पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि छापे के दौरान यहां से गड़बड़ी नहीं की जा सके। इसके साथ ही सुशील वासवानी के साढू? अतुल पमनानी के यहां भी आयकर की कार्रवाई हुई है।
75 कार्रवाई में निकली सौ करोड़ की काली कमाई, चार मामले ईडी को भेजे
ब्यूरो, भोपाल : आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने 75 से ज्यादा स्थानों पर कार्रवाई की, इसमें सौ करोड़ से अधिक की काली कमाई उजागर हुई है। सर्वाधिक कार्रवाई बिल्डर्स, ज्वेलर्स, वाहन विक्रेता और निजी अस्पताल संचालकों पर की गई है। नोटबंदी के बाद की गई कार्रवाई में आयकर विभाग को अलग-अलग स्थानों से एक करोड़ की नई करेंसी, नौ करोड़ के पुराने नोट और ज्वेलरी मिली है। भोपाल, इंदौर, सतना, जबलपुर, रायपुर, होशंगाबाद, बालाघाट, सहित प्रदेशभर में आयकर विभाग द्वारा चलाई गई व्यापक मुहिम के दौरान कुल दस करोड़ रुपए जब्त किए गए। कार्रवाई में बिल्डर्स, ज्वेलर्स ने 70 करोड़ से अधिक की अघोषित आय स्वीकार की है। ज्वेलर्स के दस्तावेजों की जांच में पता चला कि दो लाख से कम की काफी बोगस खरीदी ज्वेलर्स ने दिखाई है। न तो इन खरीददारों के पते ही लिखे गए और न ही इनके पैनकार्ड नंबर दर्ज किए गए।
चार मामले ईडी को भेजे : इटारसी के कपड़ा कारोबारी और अभिनेता राजेश चेलानी के पास से एक साथ 43 लाख रुपए की नई करेंसी आयकर विभाग ने जब्त की थी। आयकर विभाग के अधिकारियों को आशंका है कि इनमें आर्थिक अनियमितता के अलावा क्रिमनल अफेंस भी सामने आया है। इसलिए ये मामले प्रवर्तन निदेशालय को सौपे गए हैं।
आयकर विभाग छापे के दौरान मिले दस्तावेजों से बिल्डर्स, ज्वेलर्स, अस्पताल संचालक, कैटरर्स के रिश्तेदारों, नौकरों के यहां मिले दस्तावेजों की भी जांच कर रहा है कि कहीं इनमें तो अवैध रुप से काली कमाई सफेद नहीं की गई है।
वासवानी के यहां छापे में बेनकाव होंगे काले ?हवाला कारोबारी?
Place:
Bhopal 👤By: PDD Views: 17594
Related News
Latest News
- एक ऐसी संस्कृति जहां शादी के बाद भी महिलाएं को संबंध बनाने की होती हैं आजादी
- जियो ने जोड़े सबसे अधिक 'एक्टिव सब्सक्राइबर'- ट्राई
- ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया पर बच्चों की पहुंच रोकने के लिए विधेयक पेश किया
- अभिषेक बच्चन की 'आई वॉन्ट टू टॉक' ने मचाया तहलका!
- मनुष्य के मुकाबले ज्यादा बुद्धिमान एआई मशीनें, अनियंत्रित वृद्धि मानवता के लिए खतरा
- सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल