30 जनवरी 2017, शिवराज सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास के अंतर्गत संचालित आदिवासी छात्रावासों एवं आश्रमों में रियायती दर पर गेंहू प्रदाय करना बंद कर दिया है। इस पर सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को ओपन मार्केट से बाजार दर पर गेंहू खरीद कर इन छात्रावासों एवं आश्रमों में गेंहू प्रदाय करने के निर्देश दिये गये हैं।
इस संबंध में कार्यालय आदिवासी आयुक्त मप्र की ओर से सभी जिला कलेक्टरों को बताया गया है कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा वर्तमान में विभागीय छात्रावासों/आश्रमों में सार्वजनिक वितरण केंद्रों के माध्यम से रियायती दर पर गेंहू का प्रदाय नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में आयुक्त खाद्य को विभागीय छात्रावासों/आश्रमों में रियायती दर पर गेंहू प्रदाय हेतु लिखा गया है।
जिला कलेक्टरों से निर्देशों में कहा गया है कि उनके जिले में संचालित समस्त विभागीय छात्रावासों/आश्रमों में खाद्यान्न आवंटन उपलब्ध होने तक बाजार दर पर गेंहू क्रय करके विद्यार्थियों को निर्धारित पोष्टिक आहार अनुरुप रोटियां उपलब्ध कराई जायें। कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि छात्रावासों/आश्रमों में निवासरत छात्र/छात्राओं के भोजन की व्यवस्था में शासकीय खाद्यान्न का कोटा उपलब्ध न होने से निर्धारित डाईट में किसी प्रकार की कठिनाई उत्पन्न न हो सके।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत 1050 आश्रम, 1348 स्कूल हास्टल्स तथा 7450 कालेज हास्टल्स हैं जिनमें कुल 1 लाख 41 हजार 247 विद्यार्थी रहते हैं।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कार्यालय आदिवासी विकास के छात्रावासों एवं आश्रमों में अभी खाद्य विभाग ने रियायती दर के गेंहू का कोटा बंद किया हुआ है। उन्हें कोटा जारी करने हेतु लिखा गया है। हास्टल्स एवं आश्रम के विद्यार्थियों को रोटियां उपलब्ध होती रहें इसलिये ओपन मार्केट से बाजार दर पर गेंहू खरीदने के निर्देश जारी किये गये हैं।
- डा.नवीन जोशी
समस्त कलेक्टर अब बाजार दर से गेंहू, खरीदकर आदिवासी हास्टल में पहुंचायेंगे
Place:
Bhopal 👤By: प्रतिवाद Views: 17403
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