31 जनवरी 2017, मध्यप्रदेश पुलिस से कंपनी कमांडर और प्लाटून शब्दों को विदा कर दिया गया है। ये शब्द सेना के लिये उपयोग में होते थे। इसके लिये राज्य के गृह विभाग ने बीस साल पहले बने मप्र पुलिस कार्यपालिक अराजपत्रित सेवा भर्ती नियम 1997 में संशोधन किया है।
मप्र पुलिस में कंपनी कमांडर और प्लाटून कमांडर शब्दों का अब तक उपयोग विशेष सशस्त्र बल यानी एसएएफ में किया जाता है। एसएएफ में कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर रैंक का होता है जबकि प्लाटून कमांडर सब इंस्पेक्टर रैंक का। जबकि पुलिस थानों में पदस्थ अधिकारियों को उनकी बांह में लगे स्टार यानी फूल के आधार पर इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर ही कहा जाता है।
लेकिन अब विशेष सशस्त्र बल में भी तीन स्टार एवं टु स्टार अधिकारियों को पुलिस थानों के समकक्ष अधिकारियों की तरह दर्जा मिल गया है। अब एसएएफ में कंपनी कमांडर को निरीक्षक विशेष सशस्त्र बल तथा प्लाटून कमांडर को उप निरीक्षक विशेष सशस्त्र बल कहा जायेगा। इसी प्रकार सहायक प्लाटून कमांडर को अब सहायक उपनिरीक्षक विशेष सशस्त्र बल कहा जायेगा।
सरकार द्वारा नियमों में किये ताजा बदलाव के अनुसार, अब विशेष सशस्त्र बल में सहायक उपनिरीक्षक के कुल 1411 पद होंगे जोकि राज्य पुलिस सेवा में तृतीय श्रेणी के होंगे तथा इनका वेतनमान रुपये 5200-20200 प्लस ग्रेड पे रुपये 2400 होगा और इनका नियुक्तिकत्र्ता उप पुलिस महानिरीक्षक होगा। बल में सहायक उपनिरीक्षक के सभी पद पदोन्नति द्वारा भरे जायेंगे।
- डॉ नवीन जोशी
मप्र पुलिस से कंपनी कमांडर और प्लाटून कमांडर शब्द विदा हुये
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Bhopal 👤By: प्रतिवाद Views: 19153
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