
गजट नोटिफिकेशन डिग्री डिप्लोमा धारी को दर किनार किया राजनेताओं का मनोनयन?
4 फरवरी 2017, प्रदेश सरकार स्टेट फार्मेसी कौन्सिल मध्यप्रदेश में अन्ततः राजनैतिक लोगों को गजट नोटिफिकेशन में नामों का मनोनयन जारी करके उन भविष्य के निर्माताओं जिन्होनें कि एम.फार्मा, बी.फार्मा डिग्री की है उनको मनोनयन से दर किनार कर दिया है।
फार्मेसिस्ट रजिस्ट्रेशन के आठवीं एवं नवमीं उत्र्तीण अनुभव के आधार पर पंजीकृत हुए फार्मेसिस्टों जो कि उम्रदराज के बाहर है उनको मनोनयन में लिया गया है (सल्गन गजट नोटिफिकेशन) सरकारी गजट 31 जनवरी 2017 में प्रकाशित मनोनयन की सूची प्रदीप कुमार चैारसिया एसोसियेटेड़ प्रोफेसर आफ फार्मेसी व्ही.एन.एस.काॅलेज को छोड़कर अन्य चारों फार्मेसिस्टों के 'डी' ग्रुप में पुजीकृत है।
जोकि ए.बी.सी. तीनों क्षेणी से नीचे है। श्री बसंत गुप्ता प्रदेश भाजपा जिला समिति में कोषाध्यक्ष इसी तरह घनश्याम काकानी, ओमप्रकाश जैन तथा राजीव सिंह केमिस्ट एसोसियेशन के पदाधिकारी है।
इसमें स्टेट फार्मेसी एसोसियेशन के किसी भी सदस्य को नोमोनित नहीं किया है। उच्च न्यायलय से स्टे के बावजूद सरकार ने न्यायलय की अवमानना करते हुए चुनाव नहीं होने तक बिना रोक टोक के कार्य करती रहे। यह गजट नोटिफिकेशन जारी किया है जो जुलाई 2012 का आदेश है।
उल्लेख्नीय है कि स्टेट फार्मेसी कौन्सिल मध्यप्रदेश में स्थाई रजिस्ट्रार के पद पर भी कोई पदस्थ न होने से उपनियंत्रक प्रमोद शुक्ला कभी कभार आकर कार्य देख रहे है। कौन्सिल का कार्य बाबूओं के भरोसे स चल रहा है।
मंत्रालय की नोटशीट भी सल्गन है जिसमें स्पष्ट लिखा है कि उच्च न्यायलय में प्रकरण में स्टे होने से मनोनयन का नोटिफिकेशन नहीं किया जा सकता है यह सरकार ने 10 जुलाई 2012 को जारी आदेश को गजट में 31 जनवरी को प्रकाशित किया है।
मंत्रालय के स्वास्थय विभाग में बैठे अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस बारे में हस्तक्षेप करने के बाद यह पिछले रास्ते यह रास्ता निकाला है जो वैद्यानिक नहीं है।
प्रांतीय फार्मेसिस्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष अम्बर चैाहान ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि तत्काल उच्च न्यायलय से स्टे वैकेट कराकर फार्मेसिस्ट कौन्सिल की निर्वाचित होने वाले 6 पदाधिकारियों के चुनाव कराए जाए उसके बाद ही कोैन्सिल का अस्तित्व हो। सरकार द्वारा निर्णय नहीं वापिस लेने पर एसोसियेशन ने आंदोलन की धमकी दी है।