8 फरवरी 2017, स्पष्ट श्रेणियों में ये कटौति प्रस्ताव देने होंगे। इस संबंध में विस सचिवालय ने मप्र विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली में गत 30 मार्च 2016 को हुये संशोधन को प्रभावशील कर दिया है।
नवीन प्रावधान के अनुसार, अब विधायक बजट अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान किसी मांग की राशि को घटाने अथवा कम करने के प्रस्ताव की सूचना तीन श्रेणियों के अंतर्गत दे सकेंगे। पहली श्रेणी नीति निरनुमोदन कटौति की होगी जिसके अंतर्गत विधायक को स्पष्ट शब्दों में उस नीति का ब्यौरा बताना होगा जिस पर वह चर्चा चाहता है। चर्चा उसी विशिष्ट मुद्दे तक सीमित रहेगी जिसका उल्लेख इस श्रेणी के अंतर्गत दिये कटौति प्रस्ताव में किया गया है। इसमें एक रुपये की कटौति का प्रस्ताव दिया जायेगा।
दूसरी श्रेणी मितव्ययता कटौति प्रस्ताव की होगी जिसमें विधायक को व्यय में बचत से संबंधित ब्यौरा देना होगा तथा मांग की राशि में राशि विशेष कम किये जाने का उल्लेख प्रस्ताव में स्पष्ट रुप से करना होगा। कम करने के लिये सुझाई गई राशि मांग में एक मुश्त राशि की कमी के बारे में होगी या मांग में से किसी मद को हटाने या उसमें कमी करने के बारे में हो सकेगी। चर्चा भी इसी प्रस्ताव के संबंध में की जा सकेगी। इसमें उतनी राशि का कटौति का प्रस्ताव दिया जायेगा जितना सदस्य चाहता है।
तीसरी श्रेणी सांकेतिक कटौति प्रस्ताव की होगी। यदि राज्य सरकार के दायित्वाधीन क्षेत्र में किसी बात के बारे में कोई विशेष शिकायत का प्रकटन किया जाना हो तब सांकेतिक कटौति प्रस्ताव की सूचना दी जा सकेगी। ऐसे कटौति प्रस्ताव की विषय-वस्तु को विनिर्दिष्ट विशेष शिकायत तक ही सीमित रख जायेगा। इसमें सदस्य सौ रुपये की कटौति का प्रस्ताव दे सकेगा।
ज्ञातव्य है कि पहले विधायक सिर्फ एक रुपये की कटौति का ही प्रस्ताव दे सकते थे। लेकिन वे इसके लिये हरकुछ कारण दे देते थे जो कई बार आपत्तिजनक भी हो जाता था। नये प्रावधान में स्पष्ट किया गया है कि विधायक एक बजट मांग के संबंध में चार से अधिक सूचनायें नहीं दे सकेगा।
- डॉ नवीन जोशी
अब विधायकों को बजट में कटौति के प्रस्ताव तीन श्रेणियों में देने होंगे
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Bhopal 👤By: प्रतिवाद Views: 17449
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