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सोलह नदियों में निजी क्षेत्र को मिलेगा हाऊस बोट-क्रूज बोट चलाने का लायसेंस

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 17685

जबलपुर के बरगी जलाशय सहित प्रदेश के अन्य पन्द्रह जलाशयों एवं उनकी सहायक नदियों में अब निजी क्षेत्र को हाऊस बोट, क्रूज बोट, मोटर बोट एवं अन्य जल क्रीड़ा गतिविधियां संचालित करने के लिये पर्यटन निगम द्वारा लायसेंस प्रदान किये जायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग के अंतर्गत मप्र राज्य पर्यटन नीति 2016 के तहत "प्रदेश की जल पर्यटन गतिविधियों हेतु लायसेंस देने की प्रक्रिया संबंधी निर्देश जारी कर दिये हैं।"



इन जलाशयों में मिलेंगे लायसेंस :

निजी क्षेत्र को प्रदेश के सोलह जलाशयों में लायसेंस दिये जायेंगे। इनमें शामिल हैं - इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध, तवा बांध, बरगी बांध, बाणसागर बांध, गांधीसागर बांध, मणीखेड़ा बांध, हलाली बांध, चांदपाठा बांध, ओरछा के निकट प्रवाहित बेतवा नदी, चौरल बांध, गंगऊ बोध, बारना बांध, मान बांध धार, मान नदी-जोबट फाटा बांध अलीराजपुर तथा हथनी नदी।



आनलाईन मिलेगा लायसेंस :

नवीन निर्देशों के अनुसार, निजी क्षेत्र उक्त जलाशयों में पर्यटन गतिविधियां संचालित करने के लिये आनलाईन आवेदन कर सकेगा जिसके लिये उसे आवेदन के साथ दो हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा। आवेदन पर सात दिन के अंदर निर्णय लिया जायेगा। बड़ी नौकाओं के लिये लायसेंस शुल्क पचास हजार रुपये तथा छोटी नौकाओं हेतु दस हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा। लायसेंस का नवीनीकरण शुल्क बड़ी नौकाओं हेतु 25 हजार रुपये और छोटी नौकाओं हेतु पांच हजार रुपये होगा। लायसेंस लेने के पूर्व निजी क्षेत्र को पर्यटकों का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य होगा।



आईआरएस से प्रमाणित कराना होंगी नौकायें :

नये प्रावधान के तहत निजी क्षेत्र को बड़ी एवं छोटी नौकाओं का इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग यानी आईआरएस से प्रमाणीकरण कराना होगा। बड़ी नौका उसे माना जायेगा जो चार सीटर से अधिक क्षमता वाली हैं अथवा सभी मोटराईज्ड बोट हैं जबकि छोटी नौका उन्हें माना जायेगा जो नान मा्रटराईज्ड एवं चार सीटर तक की क्षमता वाली हैं। निजी क्षेत्र को लायसेंस प्राप्त करने के बाद जलक्रीड़ा संचालित करने के लिये नियुक्त मानव संसाधन का प्रशिक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाटर स्पोटर््स गोवा अथवा पर्यटन निगम द्वारा चयनित किसी अन्य प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की संस्था से कराया जाना अनिवार्य होगा। लायसेंस प्राप्त करने के बाद निजी क्षेत्र जलाशय में अपना बोट क्लब या जेट्टी बना सकेगा या फिर निर्धारित शुल्क अदा कर पर्यटन निगम का बोट क्लब या उसकी जेट्टी का उपयोग कर सकेगा। नौकाओं के पर्यटकों द्वारा उपयोग पर उसका शुल्क स्वयं निजी क्षेत्र तय करेगा। लायसेंस की शर्तों के उल्लंघन पर लायसेंस निलम्बित किया जा सकेगा तथा पांच हजार रुपये अर्थदण्ड भी लगाया जा सकेगा। तीनल बार से अधिक नियम उल्लंघन पर लायसेंस निरस्त कर दिया जायेगा।





- डा.नवीन आनंद जोशी







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