
21 जुलाई 2017। प्रदेश में सरकारी विभागों की आनलाईन सेवायें अब केंद्र सरकार के मानदण्डों के अनुसार दी जायेंगी। इसके लिये नये इलेक्ट्रानिक सर्विस डिलिवरी नियम 2017 जारी कर उन्हें प्रभावशील किया गया है। अब छह साल पहले राज्य सरकार द्वारा बनाये गये नागरिक सेवाओं को इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्रदाय तथा सेवा प्रदाता की नियुक्ति का विनियमन नियम 2011 निरस्त कर दिये गये हैं। अब सरकारी विभागों, संस्थाओं एवं निकायों की आनलाईन सेवायें प्रदान करने वाले ई-सेवा प्रदाताओं जिनमें एमपी आनलाईन लिमिटेड भी शामिल है, को नये नियमों के अनुसार ई-सेवायें प्रदान करना होंगी अन्यथा उन पर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
छह साल पुराने नियमों में एमपी आनलाईन लिमिटेड, ई जिला पोर्टल, जिला ई प्रशासन सोसायटी एवं ई-प्रशासन अधिकारियों का प्रावधान था परन्तु नये नियमों में इन सभी के लिये किये गये प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। नये नियमों के तहत सरकारी सेवाओं को प्रदान करने वाली हर इकाई को नये नियमों के अनुसार नवनियुक्त संचालक इलेक्ट्रानिक सेवा प्रदाय से प्राधिकर-पत्र लेना होगा। अब संचालक इलेक्ट्रानिक सेवा प्रदाय राज्य इलेक्ट्रानिक अभिलेख संग्रह भी रखेगा जिसमें आनलाईन प्रदान की गई सभी सेवाओं और उसके हितग्राहियों को उन्हें जारी प्रमाण-पत्रों सहित अभिलेख रहेंगे।
नये नियमों के तहत अब सभी सरकारी विभागों, संस्थाओं एवं निकायों को 180 दिन के अंदर उन सभी सेवाओं को नये सिरे से अधिसूचित करना होगा जिन्हें वह इलेक्ट्रानिक तरीके से आम लोगों को मुहैया करना चाहते हैं। संचालक इलेक्ैट्रानिक सेवा प्रदाय अब नये सिरे से आनलाईन दी जाने वाली सेवाओं का शुल्क निर्धारित करेगा। वह किसी सेवा प्रदाता की सेवायें भी समाप्त कर सकेगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, आनलाईन सेवा देने के पुराने नियम समाप्त कर दिये गये हैं तथा अब केंद्र के मानदण्डों के अनुसार नये नियम प्रभावशील किये गये हैं जिसमें एमपी आनलाईन, ई- सोसायटियों सहित सभी सेवा प्रदाताओं को नये सिरे से लायसेंस लेना होगा।
- डॉ नवीन जोशी