
इसमें वित्तीय वर्ष 2030 तक 22 हजार मेगावाट और वित्तीय वर्ष 2035 तक 36 हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
6 अप्रैल 2025। मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश अक्षय ऊर्जा नीति 2025 जारी की है। इसमें वित्तीय वर्ष 2030 तक 22 हजार मेगावाट और वित्तीय वर्ष 2035 तक 36 हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
नीति में वित्तीय वर्ष 2030 तक 6 हजार मेगावाट और वित्तीय वर्ष 2035 तक 12 हजार मेगावाट ऊर्जा भंडारण क्षमता जोड़ने की परिकल्पना की गई है। नीति में 2030 तक 50 हजार से अधिक नए रोजगार और 2035 तक 85 हजार नए रोजगार सृजित करने की भी उम्मीद है।
मध्य प्रदेश सरकार ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए "मध्य प्रदेश अक्षय ऊर्जा नीति 2025" जारी की है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देना है।
⚡ नीति के मुख्य लक्ष्य:
क्षमता वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2030 तक 22,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ना।
वित्तीय वर्ष 2035 तक 36,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ना।
ऊर्जा भंडारण:
वित्तीय वर्ष 2030 तक 6,000 मेगावाट ऊर्जा भंडारण क्षमता जोड़ना।
वित्तीय वर्ष 2035 तक 12,000 मेगावाट ऊर्जा भंडारण क्षमता जोड़ना।
रोजगार सृजन:
2030 तक 50,000 से अधिक नए रोजगार सृजित करना।
2035 तक 85,000 नए रोजगार सृजित करना।
⚡ प्रोत्साहन और उपाय:
अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे, जिनमें छूट, शुल्क और उपकर पर छूट, व्हीलिंग शुल्क की माफी और रियायती दर पर सरकारी भूमि शामिल हैं।
सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना।
आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग संस्थानों में नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी-उन्मुख पाठ्यक्रम शुरू करना।
विद्युत शुल्क और ऊर्जा विकास उपकर में छूट।
स्टाम्प ड्यूटी और व्हीलिंग चार्ज में छूट।
जैव ईंधन के लिए प्रोत्साहन और हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन।
⚡ नीति का दृष्टिकोण:
अक्षय ऊर्जा भविष्य में ऊर्जा प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
अक्षय ऊर्जा न केवल स्वच्छ ऊर्जा पैदा करेगी बल्कि नए निवेश के अवसरों, विनिर्माण और रोजगार सृजन में भी योगदान देगी।
यह नीति मध्य प्रदेश को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।