22 जुलाई 2017। अब प्रदेश में केंद्र एवं राज्य सरकारी योजनाओं हेतु मिले धन का आहरण सरकारी विभाग एवं कार्यालय कोषालय के माध्यम से ही कर सकेंगे। इसके लिये अब बैंक खाते नहीं खोले जायेंगे। इस संबंध में राज्य के वित्त विभाग ने सभी विभागों एवं कार्यालयों को आदेश जारी कर दिया है।
आदेश में बताया गया है कि केंद्रीय योजनाओं की मानीटरिंग हेतु सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली यानी पीएफएमएस गत 30 मई 2017 से लागू की गई है। इसमें दो हिस्से हैं। पहला, कोषालय इन्टीग्रेशन जिसमें भारत सरकार की योजनाओं की मैपिंग राज्य शासन की योजनाओं से करने का कार्य संचालनालय कोषएवं लेखा द्वारा किया जा रहा है। दूसरा, एक्सपेंडीचर एडवांस ट्रांसफर यानी ईएटी जिसमें राशियां एक नोडल बैंक खाते में रखकर अधीनस्थ बैंक खातों/एजेन्सियों को वितरित होती हैं तथा सभी खाते पीएफएमएस में पंजीकृत होते हैं।
वित्त विभाग ने अपने आदेश में साफ किया है कि केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में बैंक खाता उसी स्थिति में खोले जाकर संचालित किये जायें जिनमें इस हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश हों। लेकिन जहां पर आहरण सीधे कोषालय के माध्यम से किया जा रहा है वहां पर पीएफएमएस के ईएटी माड्यूल का उपयोग करने एवं इस हेतु बैंक खाता खोलने की आवश्यक्ता नहीं है। योजना की क्रियान्वयन एजेसी यदि विभाग/आहरण एवं संवितरण अधिकारी यानी डीडीओ है तो बैंक अकाउण्ट संचालन की आवश्यक्ता नहीं है। उसका आहरण कोषालय के माध्यम से किया जा सकता है।
- डॉ नवीन जोशी
सरकारी योजनाओं के आहरण कोषालय से ही होंगे
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