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मुख्य सचिव ने ली कलेक्टरों की क्लास, कहा- राजस्व प्रकरणों की लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 18048

01 अगस्त 2017। राजस्व मामलों को लेकर मुख्यमंत्री के सख्त तेवर को देखने के बाद सोमवार को मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने संभाग के सभी कलेक्टरों को जमकर फटकार लगाई। सात घंटे चली समीक्षा बैठक में श्री सिंह ने कहा कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी कलेक्टर द्वारा लापरवाही की गई तो वे कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि मुझे मालुम है कि कौन-कौन क्या कर रहा है। फिलहाल आपके पास दो का समय है, आपको मौका है, समय रहते अपने आपको सुधार लें। मुख्य सचिव श्री सिंह नर्मदा भवन में भोपाल संभाग के राजस्व प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे। श्री सिंह ने समीक्षा बैठक में सख्त रवैया अपनाते स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्यमंत्री की पहली प्राथमिकता राजस्व प्रकरण है, इसलिए इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाना चाहिए। बटान, सीमांकन, नामांतरण, आसीएमएस के प्रकरणों को समय रहते हर हाल में निपटाएं। यही नहीं, कार्यों की समीक्षा के दौरान बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए तारीफ करने में भी पीछे नहीं रहे। बैठक के दौरान पी नरहरि व हरी रंजन राव सहित जिलों के कलेक्टर व एडीएम सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।



लापरवाही पर जताई नाराजगी

सीएस ने राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों के निराकरण के लिए बनाए गए पोर्टल में समय सीमा में जानकारी दर्ज नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राजस्व कोर्ट के सभी प्रकरणों को इसमें दर्ज किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार किसानों को खसरा-खतौनी की नकल घर-घर नि:शुल्क रूप से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए विधिवत कार्ययोजना तैयार की जाए। यह अभियान 15 अगस्त से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों को आवासीय पट्टे देने के लिए जमीन भी तलाशने का कार्य शुरू कर दें। हर आवासहीन को आवास उपलब्ध करवाने के लिए अभियान की तैयारी में लग जाएं।



सात दिवस तक बढ़ाई जाए समय-सीमा

समीक्षा बैठक में एक उच्च अधिकारी ने कहा कि सीएम हेल्प लाईन की शिकायत जब एल-2 से एल-3 तक जाती है तो इसमें 7 दिवस का समय दिया जाता है, इसकी समय-सीमा में वृद्धि करते हुए 30 दिवस तक की जाए। इस पर सीएम सचिव और पर्यटन हरिरंजन राव ने इस मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया।



सभी अफसरों से की वन-टू-वन बात

समीक्षा बैठक में जब भोपाल को लेकर चर्चा करने की बारी आई तो सीएस ने एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों से वन-टू-वन चर्चा करते हुए कहा कि दो माह में पेंडेंसी दूर करें। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि सबसे ज्यादा काम की पेंडेंसी हुजूर और बैरसिया में है।



सीएस का दौरा निरस्त, पीएस बैरागढ़ वृत्त पहुंचे

बैठक में राजस्व कोर्ट की स्थिति जानने के लिए अचानक सीएस बीपी सिंह ने गोविंदपुरा वृत्त का दौरान करने की बात कहते ही आला अफसरों में हड़कम्प मच गया तथा वे अपनी तैयारी में लग गए। लेकिन कुछ देर बाद उनका दौरा निरस्त हो गया। वहीं राजस्व सचिव पी नरहरि और अपर आयुक्त भोपाल संभाग बैरागढ़ वृत्त का दौरा करने पहुंच गए। उन्होंने नामांतरण और आरसीएमएस प्रकरणों की पेंडेंसी देखी एवं उसमें सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर, हुजूर और एमपी नगर में भी वरिष्ठ अधिकारियों ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की। राजस्व सचिव ने यह निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व अधिकारी निर्धारित दिनों में अपने राजस्व न्यायालय में जरूर बैठें व उसे पोर्टल पर दर्ज करवाएं, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाएं लेकिन मानवीय दृष्टिकोण देखना आवश्यक होगा, कलेक्टरों की जिम्मेदारी है कि वे लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं की मॉनीटरिंग करें।





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