
21 अगस्त 2017। इस साल के वित्त वर्ष 2017-18 का पहला कर्ज मध्यप्रदेश सरकार ने बाजार से उठा लिया है। यह दो हजार करोड़ रुपयों का है। रिजर्व बैंक के माध्यम से गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर यह कर्ज उठाया गया है तथा इस दस साला कर्ज पर हर साल दो बार ब्याज सरकार अदा करेगी।
विकास कार्यों के नाम पर लिये गये इस ताजा कर्ज के लिये राज्य सरकार ने अपनी आर्थिक स्थिति भी प्रदर्शित की है। उसने कर्ज की मांग के साथ बताया है कि उस पर 31 मार्च 2017 की स्थिति में कर्ज का कुल भार 1 लाख 37 हजार 810 करोड़ 17 लाख रुपये हो गया था। उसने यह भी प्रदर्शित किया है कि उसने वित्त वर्ष 2015-16 में 5 हजार 739 करोड़ 89 लाख रुपये तथा वित्त वर्ष 2016-17 में 1 हजार 534 करोड़ 75 लाख रुपये का लाभ प्राप्त किया यानि उसने प्राप्त राजस्व के मुकाबले व्यय कम किया।
31 मार्च 2017 को समाप्त हुये वित्त वर्ष में सरकार ने कुल 16 हजार 100 करोड़ रुपयों का बाजार से अपनी गवर्मेन्ट सिक्येरिटीज का विक्रय कर कर्ज लिया था। यदि 1 जनवरी से 31 दिसम्बर का वर्ष देखा जाये तो वर्ष 2016 में सरकार ने कुल 14 हजार 200 करोड़ रुपयों का कर्ज लिया था और वर्ष 2017 में अब तक उसने 7600 करोड़ रुपयों का कर्ज लिया है। वित्त वर्ष 2016-17 में बाजार से लिये गये कर्ज पर सरकार को विपक्ष की काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था और वह यह सफाई देते-देते थक गई गई थी कि उसने विकास कार्यों के लिये यह कर्ज लिया है।
- डा.नवीन जोशी