मध्यप्रदेश के सरकारी देवस्थानों का जीर्णोध्दार अब निजी संस्था करेगी

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Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 17837

11 सितंबर 2017। मध्य प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाले विरासती एवं अन्य देव स्थानों के जीर्णोध्दार का काम अब लोक निर्माण विभाग के स्थान पर एक निजी संस्था इण्डियन नेशनल ट्रस्ट फार आर्ट एण्ड कल्चर हेरिटेज यानी इन्टेक करेगी। पहली बार शिवराज सरकार ने ऐसा प्रावधान किया है।



शासकीय विरासती एवं देवस्थानों के जीर्णोध्दार का काम राज्य का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग कराता है तथा वह यह काम लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कराता था। लोक निर्माण विभाग भी यह काम टेण्डर जारी कर ठेकेदारों के माध्यम से सम्पन्न कराता था। लेकिन पाया गया कि विरासती एवं देवस्थानों के जीर्णोध्दार में हेरिटेज का ध्यान नहीं रखा जाता था। ये पुरातात्विक स्थल जिस स्वरुप के होते थे उसी स्वरुप में उनका जीर्णोध्दार करने में लोक निर्माण विभाग विशेषज्ञ नहीं है। 27 जनवरी 1984 को नई दिल्ली में रजिस्टर्ड सोसायटी के रुप में बनी इन्टेक संस्था के पास यह माहरत है कि वह विरासती स्थलों का उनके मूल स्वरुप में जीर्णोध्दार करती है। इस संस्था ने वर्ष 1991 में उज्जैन हेरिटेज जोन का कन्जरवेशन प्लान तैयार किया था तथा देशभर में अनेक विरासती स्थलों का जीर्णोध्दार किया है।



प्रदेश के विरासती स्थलों के जीर्णोध्दार का काम उक्त इन्टेक संस्था को देने के लिये राज्य सरकार ने प्रावधान किया है कि धर्मस्व विभाग को लोनिवि के माध्यम कोई टेण्डर नहीं निकलाना होगा तथा सीधे इन्टेक संस्था को जीर्णोध्दार का काम दे दिया जायेगा। लेकिन इन्टेक को लोनिवि को 9 प्रतिशत पर्यवेक्षण शुल्क का भुगतान करना होगा। जल्द ही इन्टेक के साथ मप्र सरकार एमओयू साईन करेगी तथा इसके बाद जिस विरासती स्थल का जीर्णोध्दार किया जाना है उसका इन्टेक से प्राक्कलन तैयार कराया जायेगा तथा इसके बाद धर्मस्व विभाग उसे स्वीकृति देगा। जीर्णोध्दार का काम इन्टेक ही करेगा।



रिटायर्ड आईएएस एवं कन्वीनर इन्टेक भोपाल चेप्टर मदन मोहन उपाध्याय ने बताया कि इन्टेक ने भोपाल के गौहर महल का तथा ग्वालियर के विक्टोरिया मार्केट का जीर्णोध्दार किया है। हाल के सिंहस्थ में भी उसने कार्य किये हैं। विरासती स्थलों के जीर्णोध्दार में इन्टेक की विशेषज्ञता है।





- डॉ नवीन जोशी



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